रोहिंग्या मुस्लिमों का शक्कर की तरह घुलकर रह पाना संभव नहीं है



 रोहिंग्या मुस्लिमों को म्यांमार में बवाल करने पर वहां की सरकार द्वारा सैन्य कार्यवाही के बाद खदेड़े जाने पर कुछ 40 हज्जार रोहिंग्या मुस्लिम भारत में शरण लेने के लिए इधर रुख कर लिया. इन्हें शरण दिलाने के लिए भारत के कुछ प्रतिशत मुस्लिम भी प्रयास में लगे हैं. एक बड़ा सवाल ये है कि इन्हें जब चार दर्जन से अधिक मुस्लिम देश इनकी हालत पर तरस खाकर शरण नहीं देना चाहते हैं तो भारत जोकि ख़ुद जनसंख्या विस्फोट की कगार पर है, वप कैसे इन्हें शरण दे सकता है. ज़्यादातर स्वभाव से आक्रामक इन मुस्लिमों को शरण दे दी जाए तो इस बात की क्या गारंटी है कि ये अपने स्वभाव में तब्दीली ले आयेंगे. छोटी-छोटी बातों पर आक्रामक हो जाने की प्रवृति कभी नहीं जाती है. शेर भी पालतू बनाया जा सकता है,लेकिन हमेशा उसके हिंसक स्वभाव से दूसरे लोग डरते ही है. नहीं याद है तो जानना ज़रूरी है कि कुछ इसी तरह की स्थिति देश की प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी के सामने भी आई थी, पाकिस्तानी सेना ने अपने देश के बंगाली मुसलामानों के साथ म्यांमार से भी ज़्यादा भयानक अत्याचार किये थे,मुस्लिम महिलाओं बलात्कार और आदमियों की ह्त्या करनी शुरू कर दी थी. जिसके चलते कुछ हज़ार बंगाली मुसलमान सीमा पार से भारत में घुस आये थे और उन्हें शरणार्थियों के रूप में भारत में शरण दे दी गयी थी. आयरन लेडी की उपाधि प्राप्त तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी ने पाकिस्तान पर हमला करवाकर बंगाली मुसलामानों पर हो रहे अत्याचार और याभिचार को रोका. इसके बाद इन बंगाली मुसलामानों को अलग बांग्लादेश बनाकर दिया गया, लेकिन यहाँ पर शरणागत बंगलादेशी मुसलमान यहीं भारत में ही जमे रहे. अयोध्या में भगवान राम की नगरी में मुगल शासक द्वारा मंदिरों से घिरे स्थान पर कथित तौर पर मस्जिद बना दी गई थी को कट्टरपंथी हिन्दुओं ने उसे ढहाकर रामलला के मंदिर के रूप में फिर से बदल दिया था. इसकी प्रतिक्रिया जितनी भारत या पाकिस्तान में नहीं हुई थी उससे कहीं अधिक भयानक प्रतिक्रिया एहसानफरामोश बांग्लादेशियों ने की तरफ से साम्प्रदायिक दंगों से हुई थी. बुलडोज़रों से बांग्लादेश में स्थित मंदिरों को गिरा दिया गया था. हिन्दू औरतों से बलात्कार किया और पुरुषों हत्या करनी शुरू कर दी थी. इन्हीं खौफनाक और दिल दहला देने वाले दंगों पर बांग्लादेश की बेबाक़ लेखिका तस्लीमा नसरीन ने 'लज्जा' नाम से पुस्तक लिखी थी, जिसमें हिन्दू औरतों से बलात्कार का उल्लेख किया गया है. यह बात बांग्लादेशी मुल्लों को रास न आई और उनके खिलाफ फतवा ज़ारी कर देश से निकाल दिया था. ये ज़ख्म आज भी बांग्लादेश के हिन्दुओं के लिए हरे हैं. जगप्रसिद्ध है कि जो लोग अपनी पिछली गलतियों से सबक़ नहीं लेते हैं वो निरे मूर्ख होते हैं. बंटवारे के बाद भारत में कुछ हज़ार मुस्लिम ही रह गए थे, जो आज पाकिस्तान के मुसलामानों से ज़्यादा संख्या में तब्दील हो चुके हैं. इसी तरह से बांग्लादेश से आये ये कुछ हज़ार शरणार्थी आज कई लाख की संख्या में पूरे भारत में फ़ैल चुके हैं जिन्हें वापस भेजना एक मुश्किल काम है. कहते है कि इतिहास अपने-आप को दोहराता है. आज यही हालात रोहिंग्या मुस्लिमों के आने से बन गयी है. एक वीडियो वाट्सअप पर देखने को मिला, जिसमें एक मौलाना रोहिंग्या मुसलामानों की पैरवी करते हुए इन्हें न रहने देने पर बुरे परिणाम भुगतने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं. रोहिंग्या मुसलामानों को शरण देना कुल्हाड़ी पर पैर मारने जैसा है. कुछ लोग स्वभाव से शांत होते है, जिनके आस-पास होने का एहसास तक नहीं होता है. एक सच्ची एतिहासिक कहानी कहीं पढ़ी थी जिसमें कुछ लोग अपने देश से भाग कर किसी दूसरे देश के राजा से शरण देने की गुहार लगाते हैं. राजा उनसे कहता है कि तुम लोगों का खान-पान,रहन-सहन एकदम अलग है तो तुम लोग यहाँ कैसे हम लोगों में मिलकर रह पाओगे.देश भी बहुत छोटा है. इस पर भाग कर देश में आये लोगों का मुखिया राजा से एक बर्तन में पानी मांगता है. पानी दे दिए जाने पर वो अपने साथ लायी पोटली में से कई मुट्ठी शक्कर राजा को दिखाकर उस पानी के बर्तन में डालता है. कुछ देर तक उसे लकड़ी के चम्मच से घुमाने के बात उस बर्तन को राजा के सामने ले जाकर दिखाते हुए कहता है, महाराज मैंने इसमें कई मुट्ठी शकर डाली थी वो अब दिख रही है. इस पर राजा न में सिर हिलाता है.तब वो राजा से कहता है कि महाराज हम शक्कर की तरह पानी में घुल कर रहेंगे और पानी के जैसे मीठे स्वाद का भी एहसास आपके देश के लोगों को देंगे. बस इस बात से प्रभावित होकर राजा, उन्हें अपने देश में रहने की इजाज़त दे देता है. अब रोहिंग्या मुस्लिमों पर फ़ैसला केंद्र की मोदी सरकार को करना है. केंद्र को इस बात पर भी मंथन करना होगा कि जो लोग म्यांमार क्या किसी भी देश में पानी में शक्कर की तरह आज तक नहीं घुल कर रह पाये, यहाँ भारत में कैसे रहेंगे. दूध में शकर पड़ी हो तो उसका मज़ा दोगुना हो जाता है, लेकिन दूध में नमक मिला दिया जाये तो वो पीने लायक नहीं रह जाता है.      

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