क्या दक्षिण में रायता फैलाने के मूड में हैं दिल्ली वाले सरजी
किसी को लगे न लगे, लेकिन मुझे ये खबर बहुत विस्फोटक लगी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दक्षिण के फिल्म एक्टर डाइरेक्टर कमल हासन से मुलाक़ात की. बिना किसी मौसम के इस तरह की भेंट का कुछ तो अर्थ होना ही चाहिए. ये बात इसलिए कही कि दिल्ली के मुख्यमंत्री किसी जगह या किसी से मिलने बेवजह नहीं जाते हैं. एक बार दक्षिण भारत गए तो रोहित वेमुला के लिए. दूसरी बार गए तो लम्बी हो चुकी जुबान का इलाज़ करवाया. अब गए तो सीधा फिल्म अभिनेता कमल हासन के घर पर लैंडिंग की है. सभी खबरिया लोग इस मुलाक़ात का मतलब निकालने में लगे हुए हैं.वैसे आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल फिल्में देखने के बहुत शौकीन हैं. हो सकता है कि कमल हासन की कोई मूवी की डीवीडी देख ली हो,बस उनकी अदाकारी से प्राभावित होकर सीधा प्लेन पकड़ कर मुलाक़ात करने पहुंच गए. या फिर हो सकता है कि केजरीवाल कोई मूवी बनाने की इच्छा रखते हों. बात कुछ भी हो, अगर थोड़ा सा इस बात पर विचार किया जाए कि अब कोई किसी से मिलने जाता है तो वो अपने काम से, इस मिलाप का मतलब यही निकाला जा सकता है कि हो न हो, दिल्ली वाले सर जी ने कमल हासन को तमिलनाडु में आम आदमी पार्टी के बैनर तले तमिलनाडु में चुनाव लड़ने की पेशकश की हो और बहुमत मिलने पर उन्हें मुख्यमंत्री पद देने का प्रस्ताव रखा हो. ये बात इसलिए भी वज़न रखती है क्योंकि गुजरात में अभी हाल ही में एक बच्चा पार्टी टाइप की शिवसेना ने गुजरात में चुनाव लड़ने का मन बनाते हुए. स्थानीय छुटभैय्ये नेता हार्दिक पटेल को मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में गुजरात चुनाव में उतरने की बात कही थी. अगर कुछ इसी तरह का ऑफर कमल हासन को दील्ली के मुख्यमंत्री ने दिया और वो मुख्यमंत्री पद के मोह में फंस गए तो उससे पहले इस बात पर गौर कर लेना चाहिए कि आम आदमी पार्टी मुखिया स्वयं मुख्यमंत्री हैं तो वो किसी दूसरे को मुख्यमंत्री कैसे बनवा सकते हैं. थोड़ा और चिंतन किया जाए तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने बीते महीनों पंजाब और गोवा में विधानसभा चुनाव लड़ा था, गोवा में तो अंडा मिला था, लेकिन पंजाब में सांसदों की संख्या के हिसाब से सीटें मिल गयी थीं. इस मिलन के बहुत से मायने निकाले जा सकते हैं. अगर थोड़ा सा राजनीति से हटकर देखा जाए तो कमल हासन और अरविन्द केजरीवाल दोनों में एक बात सामान है वो ये कि एक्टिंग के मामले में कमल हासन पर दिल्ली वाले सरजी भारी पड़ेंगे. अभी तक दिल्ली में सिर्फ एक्टिंग के बूते ही सत्ता चला रहे हैं, जिसमें हमेशा सफल रहे हैं. ऐसे भी दिल्ली वाले सरजी में बवाना सीट जीत लेने से उत्साह भरा हुआ है, तो वो कुछ भी गणित बैठा सकते हैं, चाहे वो फेल ही क्यों न हो जाए. हासन-केजरीवाल मिलाप ने न्यूज़ चैनल्स के कैमरों के मुंह सूखा काट रहे सर जी की तरफ फिर से घूम गए हैं. सभी पत्रकार ये बात जानने के लिए उतावले हैं कि सरजी अचानक दक्षिण में कौन सा रायता फैलाने गए हैं.



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