दाल में कुछ तो काला है : बहुत गहरी है यशवंत सिन्हा के जीडीपी पर दहाड़ने की वज़ह
चार दशक सभी समझते होंगे.डॉ. मनमोहन सिंह पीएम बनने से पूर्व में 40 साल तक किसी न किसी रूप में भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़े रहे थे. वो आज जीडीपी, नोटबंदी,जीएसटी, बाज़ार आदि पर चिंतित हैं. इतना महान अर्थशास्त्री होने के कारण आप पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी के शासनकाल से आज तक देश की अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित विभागों में ऊँचे पदों पर रहने के बाद भी, आज मोदी सरकार के शासनकाल में देश की अर्थव्यवस्था पर चिंतित हैं. अपने जीवन के 40 साल के दौरान वित्त मंत्रालय, आरबीईआई गवर्नर, स्वर्गीय पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री रहते हुए, वित्तमंत्री रहे थे. 2004-2014 तक प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले डॉक्टर मनमोहन सिंह की देश की अर्थव्यवस्था पर चिंता क्या इशारा करती हैं. इस बात का खुद आंकलन करिएगा... पिछले कुछ दिनों से अटल सरकार में वित्तमंत्री रहे यशवंत सिन्हा जी न्यूज़ पेपर्स, न्यूज़ चैनल्स और सोशल मीडिया पर दहाड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के वित्तमंत्री से देश हित में या किसके हित में पूछ रहे हैं कि जीडीपी इतना नीचे गिरती जा रही है, इसकी चिंता करते हुए मैं दहाड़ रहा हूँ. वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा जी याद होगा, अटल सरकार के "शाइनिंग इण्डिया" के बावजूद दूसरी बार सत्ता में नहीं आ पाये, उस समय आप ही वित्तमंत्री रहे थे. यशवंत सिन्हा आपको बहुत अच्छे से ये बात याद होगी कि जब आप (एनडीए), केंद्र की सत्ता से बेदखल किये गए थे. उस समय आपकी सरकार ने मनमोहन सरकार को सत्ता संभालते समय जीडीपी विकास दर 8.4 तक पहुंची हुई दी थी. यशवंत सिन्हा जी दस वर्षों तक आपको देश हित में जीडीपी विकास दर की गिरावट क्यों नहीं दिखाई दी थी.उस समय क्यों नहीं दहाड़ रहे थे. यशवंत सिन्हा जी जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार का गठन हुआ, उस समय महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह(प्रधानमंत्री) की सरकार ने अटल सरकार की दी, जीडीपी विकास दर 8.4 को गिरा-गिरा जीडीपी विकास दर 4.74 करके, मोदी सरकार को दी थी. उस समय आपको देश हित में दहाड़ना चाहिए था. मोदी सरकार ने तो केंद्र की मनमोहन सरकार से विरासत में मिली 4.74 जीडीपी विकास दर 7.3 तक ले आये थे. लेकिन देश हित में लिया गया नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों से आयी गिरावट के लिए आप इतना क्यों दहाड़ रहे हैं और नाम दे रहे हैं कि मैं देश हित में दहाड़ रहा हूँ. देश हित में तो यूपीए-1 की सरकार के समय में दहाड़े होते तो यूपीए-2 की सरकार सत्ता में न आ पाती और न ही जीडीपी विकास दर 4.74 मोदी सरकार को विरासत में मिलती. दस साल की आपकी चुप्पी कुछ और बता रही है. यूपीए-1 और 2 को इतना डिस्काउंट आपने क्यों दिया, ये समझने वाली बात है. क्या चोट गहरी लग गयी थी, जो ऐसा कुछ किया. यशवंत सिन्हा जी विकास के लिए कुछ तो कड़े क़दम उठाने ही पड़ते हैं, सो मोदी सरकार ने उठाये. देश और जनता की चिंता मोदी सरकार पर छोड़ दीजिये. क्योंकि आप न तो 3 में हैं और न 13 में हैं.यशवंत सिन्हा जी वैसे आपके 10 साल न दहाड़ने के कारण पर विचार और मंथन बीजेपी में किया जाना चाहिए.दाल में कुछ तो काला है.



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