बाबागीरी करके इतने बड़े बिजिनेस टाइकून बन गये, बाबा रे...बाबा...

अन्तः बाबा राम रहीम कर्मों के अनुसार सज़ा पाकर अपने सेवेन स्टार डेरे से निकल कर जेल की सलाखों पीछे पहुँच गए. जब-जब बाबा राम रहीम का नाम आता था तो सामने बचपन में माँ की बतायी तस्वीर खिंच गयी थी. माँ बचपन में शैतानियों का पुतला होने के कारण डराती थी कि चुपचाप बैठ जाओ या बाहर न जाना झोली वाला बाबा आ जाएगा. बस इस खींची छवि से डर कर कमरे में दुबक जाते थे. इस तरह माँ भी हम बच्चों कोई हानि नहीं होगी से चिंता मुक्त हो जाती थी. कुछ इसी तरह की सोच के कारण राम रहीम के डेरे को भी कैसा होगा पर सोच लिया, कच्चे,ऊँचेनीचे रास्ते और पेड़ों के बीच कच्ची चुनी हुई दीवारों और तम्बू से ढका कोई स्थान होगा. ये विचार इसलिए आते हैं क्योंकि बाबा या संयासी किस्म के लोग कुछ इसी तरह का जीवन यापन करते हैं, पर किताबों में भी पढ़ा था. लेकिन जब न्यायालय के सज़ा सुनाये जाने के बाद न्यूज़ चैनल्स ने बाबा राम रहीम और उनके डेरे के स्याह पक्ष को दिखाना शुरू किया तो समझ में नहीं आ रहा था कि ये बाबा गुरमीत सिंह का डेरा है या कोई स्मार्ट सिटी, देखकर चक्कर आने लगा रिजार्ट से लेकर मल्टीप्लैक्स फाउन्टेन पानी के अन्दर बना रेस्टोरेंट आदि बहुत कुछ दिखा. बाबा की कुटिया का बेडरूम तो पहले ही चैनल्स दिखा चुके थे. राजे महाराजे का शयनकक्ष क्या होगा. गज़ब की नगरी दिखी बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह बाबा की. राम रहीम तो बाबा की जगह महागुरु छवि में नज़र आ रहे, जो हमेशा राम नाम जपना पराया माल(जिसका भी, जैसा भी)अपना कहता है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जोकि ख़ुद बिजिनेस टाइकून रहे हैं अगर उन्हें डेरा सच्चा सौदा धाम टहला दिया जाए तो वो भी ये सोच-सोच कर शर्म से पानी-पानी हो जायेंगे कि भारत में कोई ऐसा प्राणी भी विचरण करता है जो बाबागीरी करके इतना बड़ा बिजिनेस अम्पायर खड़ा करके बाबा कहलाता है. कभी सोचा भी नहीं था कि बाबागीरी करके अकूत दौलत और शोहरत कमाई जा सकती है, इतनी चकाचौंध देखने के बाद दिल में किसी के भी चेला या चेली बनने की इच्छा जाग्रत हो सकती है. देश भर में करोड़ों की तादात में फैले चेले-चेलियां इसी से इप्रेस होकर ज्ञान प्राप्त करने पर आमादा रहते थे. फ़ैसले वाले दिन हरयाणा चेले-चेलियों से ऐसे ही नहीं फुल पेक्ड हुआ था. गज़ब की इच्छा शक्ति और बाजीगरी के हुनरमंद व्यक्ति थे कथित बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह. सी क्लास हिंदी मूवी के हीरो की तरह वस्त्र धारण करने के बाद भी लोगों को सम्मोहित करने की मज़बूत इच्छा शक्ति थी. कुल मिलाकर डेरा सच्चा सौदा से सही स्थान पर भेजने वाले न्यायाधीश इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने इतनी हनकदार छवि के व्यक्ति को सज़ा देते समय अपने हाथों को कांपने और बिकने नहीं दिया.    

Comments