ज़िंदा मिली तो लोगों के होश उड़ाने वाले खुलासे करेगी हनीप्रीत
कथित बाबा गुरमीत राम रहीम को 20 वर्ष की सज़ा सुनाये जाने के बाद न्यूज़ चैनल्स के कैमरों के सामने सबसे ज़्यादा नौटंकी करने वाली उसकी कथित बेटी हनीप्रीत थी. उसने राम रहीम को जेल ले जाए जाते समय खुद भी जेल में रहने की बात कही थी. हालांकि ऐसा कोई क़ानून नहीं है की कोई बिना सज़ा पाए जेल में किसी के साथ रह सकता है. नौटंकी बाबा के जेल जाते ही कुछ समय बाद न्यूज़ चैनलों के कैमरों के सामने से निकल कर कथित बाबा की दत्तक पुत्री/साझीदार/राजदार और भी बहुत कुछ होगी हनीप्रीत अचानक कहाँ गायब हो गयी अब ख़ुफ़िया विभाग और पुलिस को भी ढूंढें नहीं मिल रही है. जैसा की न्यूज़ में दिखाए जा रही पिक्चर से यही समझ में आता है कि वो कथित बाबा के जाल में पूरी तरह फंसी हुई थी, लेकिन अचानक हनीप्रीत का लापता हो जाना इस संदेह को जन्म देता है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि हनीप्रीत के आकर्षण में बाबा राम रहीम फंस गया हो. सुगठित शरीर, बहुत नहीं, हाँ खूबसूरत कह सकते है के इस आकर्षण ने बाबा को अपने वश में कर लिया हो. ये संदेह इसिये हो रहा है कि आज-कल के कथित बाबा लाँच किये जाते हैं. चोरी तो अकेले की जा सकती है, लेकिन लोगों को ठगने के लिए एक पूरी टीम की ज़रुरत पड़ती है. कुछ इसी तरह ही हनीप्रीत भी इस टीम का हिस्सा रही हो और अपने बुद्धिबल, फिजिकल अट्रेक्शन के कारण बाबा के ज़्यादा करीब हो गयी हो. सामान्य से व्यक्ति गुरमीत सिंह को अपने बुद्धि बल से बाबा राम रहीम डेरा सच्चा सौदा के रूप में स्थापित करने में मुख्य भूमिका निभायी हो से इनकार नहीं किया जा सकता है. चैनल्स में दिखाए जा रहे कथित बाबा के वीडियो को देखने और बातचीत से लगता नहीं है कि इस व्यक्ति के अन्दर कोई अद्रश्य शक्ति है. बातें एक सामान्य व्यक्ति जैसी आवाज़ में भी कोई वज़न नहीं, वेश-भूषा देख कर कोई भी नहीं कह सकता है कि ये व्यक्ति डेरा सच्चा सौदा का सुपर पावर बाबा है. अब तो गुरमीत सिंह को बारात में हार कोई पहचानने लगा है. अगर आज से पहले कथित बाबा की कोई तस्वीर दिखाकर पूछता तो मैं भी यही कहता कि ये नमूना कौन है. आचार्य रजनीश को सभी जानते और पहचानते हैं. इनके अनुयाइयों में फिल्म स्टार विनोद खन्ना जैसे लोग भी थे. आचार्य रजनीश को सम्मोहन विद्या के महारथी कहा जा ये तो कोई अतिशियोक्ति न होगी. हालांकि कभी सामने से नहीं देखा है लेकिन उनकी लिखी पुस्तकें उन्हें असाधारण व्यक्ति के रूप में स्थापित करती हैं. सभी नहीं को कुछ लेख पढ़े हैं. वो काफी तथ्यपरक और प्रभावित करने वाले लगे. एक पत्रिका में एक तस्वीर देखी थी, जिसमें वो सफ़ेद दाढ़ी और बालों वाले चेहरे पर जो दो आँखें थीं वो सम्मोहित करती हुई सी लगती थीं. पढ़े लेखों में वो ईश्वर के न विरोधी थे न समर्थक लगे. अमेरिका के पेरगान सिटी में राम रहीम से भी विशालकाय आश्रम की बात पढ़ी है.अमेरिकन जब आचार्य रजनीश के अनुयायी तेजी से बनने लगे तो अमेरिका की सरकार को लगा कि कहीं ऐसा न हो कि ये आगे चल कर देश के लिए खतरा बन जाए, बस इसी कारण से आचार्य रजनीश को अमेरिका से बाहर खदेड़ने की मुहीम चला दी गयी और उन्हें वापस भारत लौटना पड़ा. भारत आकर पूणे में आश्रम का निर्माण कर लोगों को अपना अनुयायी बनाते रहे. अदनाम करने के लिए दूसरे ब्रांड के बाबाओं ने आचार्य रजनीश के खिलाफ अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया तो अनुयाइयों ने उनसे किनारा करना शुरू कर दिया उनमें स्वर्गीय विनोद खन्ना भी थे, जिन्होंने बाद में फिल्म इंडस्ट्री में वापसी करने के बाद कई दर्ज़न फिल्मों में एक्टिंग की. आचार्य रजनीश और बाबा राम रहीम में ज़मीन आसमान का अंतर है. जहाँ आचार्य रजनीश हिप्नोटिज्म के जानकर और गज़ब के तार्किक बातें लिखते थे. वहीँ दूसरी तरफ बाबा राम रहीम लम्पट और मीडिया द्वारा प्रचारित बाबा रहा था. कुल मिलाकर एक साधारण व्यक्तित्व के मालिक गुरमीत सिंह को बाबा राम रहीम डेरा सच्चा सौदा का बाबा स्थापित करने में मीडिया और टीम का योगदान रहा है. ये बात कथित बाबा राम-रहीम की बॉडी लैंग्वेज़ और पहरावे से समझी जा सकती है. बहुत से राज लेकर हनीप्रीत कहाँ जा छिपी है किसी को भी कुछ नहीं पता है. जिन्हें लग रहा है कि वो एक छोटा सा बैग लेकर निकल ली है तो गलत है, उस बैग में भी बहुत से राज छिपे हुए हैं हनीप्रीत ज़िंदा मिलती है तो बहुत कुछ सामने आयेगा वरना उसी के साथ बहुत से राज दफन हो जायेंगे.


Comments
Post a Comment