प्रदेश की राजधानी की बदतर कानून व्यवस्था, योगी और मोदी के लिए खतरे की घंटी

उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के समय भाजपा कहती थी कि प्रदेश में क़ानून व्यवस्था बदहाल है. हम सत्ता में आये तो क़ानून व्यवस्था को सुधारेंगे. क़ानून व्यवस्था पहली प्राथमिकता होने के बावजूद योगी सरकार अभी तक इसमें कोई सुधार नहीं कर सकी है. सडकों पर खड़े होकर बियर या शराब की बोतलें खुलने का दौर बदस्तूर जारी है. काले धन कुबेर किसी न किसी पार्टी से जुड़े होने वाले ऐसे लोग आज प्रदेश की क़ानून व्यवस्था की धज्जियाँ उड़ाये हुए हैं. पुलिस पुक दर्शक बनी इनका कुछ नहीं करती है. यूपी की जनता हो भाजपा सरकार के आने से उम्मीद थी कि कानून व्यवस्था में सुधर होगा, लेकिन हालात पहले से भी बदतर है. काले धनवान लेट नाईट अपने शानदार घरों में शराब और कवाब की पार्टी देकर रात भर तेज़ आवाज़ में म्यूजिक बजकर आस-पास के शरीफ लोगों का जीना हराम किये हुए हैं. यूपी की क़ानून व्यवस्था का क्या कहा जाए, जब राजधानी लखनऊ में ही इसकी बुरी हालत है. लखनऊ के सबसे पॉश एरिया हज़रतगंज जहाँ प्रदेश पुलिस का मुखिया स्वयं बैठता है और कुछ किलोमीटर दूर 5, कालिदास मार्ग में स्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निवास करते हैं वहां के आस-पास ये लम्पट किस्म के करोड़पति रात से सुबह तक जामों का दौर चलाते हैं को भी इनका कोई खौफ नहीं है. जिन पुलिस कर्मियों के काँधे पर क़ानून व्यवस्ता की ज़िम्मेदारी है, उनका कोई अता-पता नहीं रहता है. लम्पट करोडपति क़ानून के साथ खिलवाड़ करते हुए. रत से सुबह तक म्यूजिक के साथ शराब और कबाब की पार्टी करते रहते हैं. प्रदेश की जनता को योगी मुख्यमंत्री बनने पर उम्मीद जागी थी कि आम आदमी भय मुक्त जीवन जी सकेगा, लेकिन इसके उलट आज शरीफ लोगों का सुकून से रहना दूभर हो गया है. मुख्यमंत्री योगी भी आज ऐसे लम्पट किस्म के लोगों का कुछ नहीं कर पा रहे हैं. सत्ता में आने के पहले क़ानून व्यवस्था में सुधार के बड़े-बड़े दावे किये गए थे, आज आम आदमी इन दावों की धज्जियां उड़ते देखकर अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है. भाजपा को यह बात अच्छे से याद रखनी चाहिए कि जब जनता अत्याधिक दुखी हो जाती है तो वो चुनाव के समय सबक सिखाने के लिए तैयार बैठी रहती है. मुख्यमंत्री योगी को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जनता ने वोट इसलिए नहीं दिया है कि वो आराजक तत्वों के हाथों प्रताड़ित होती रहे. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ आपने किये दावों की कसौटी पर ही खरे नहीं उतर पा रहे हैं. अभी भी वक़्त है मुख्यमंत्री योगी को चाहिए की पुलिस प्रशासन को दुरुस्त कर देर रात तक शराब पार्टी देने वालों पर अंकुश लगाने का प्रयास करें. राजधानी वो भी मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही किलोमीटर के दायरे में नशेड़ियों का तांडव से दुखी जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में यूपी भाजपा की 14 पहले जैसी हालत न कर दे. राजधानी की कानून व्यवस्था ही प्रदेश की क़ानून व्यवस्था कैसी है को तय करती है. देर आये दुरुस्त तो चल सकता है, लेकिन ऐसी ही बदतर क़ानून व्यवस्था राजधानी में रहेगी तो पूरे प्रदेश में क्या सन्देश जाएगा, वो आगामी लोकसभा चुनाव में समझ में आ जाएगा. मुख्यमंत्री योगी सच्चे मन से प्रदेश की सेवा करना चाहते हैं तो प्रतिदिन का अपडेट लेने के लिए देर रात खुद निकलें, वरना पुलिस प्रशासन तो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी एवरीथिंग इज नार्मल का ही फीडबैक देता रहा था. कहीं ऐसा वर्तमान मुख्यमंत्री महोदय के साथ भी हो रहा होगा. मुख्यमंत्री योगी को चाहिए स्थिति को राजधानी से नियंत्रित करने के लिए कदम उठा लें तो यूपी पीएम मोदी द्वारा बनायी गयी ज़मीन बच सकती है. बदतर क़ानून व्यवस्था भाजपा के लिए खतरे की घंटी है. अगर नहीं सुधरी तो जनता बीजेपी को 2019 में सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. यूपी तो जाएगा ही साथ में दिली भी हाथ से निकल जाएगा. 

   

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