आख़िरकार पुलिस को मिल ही गयी बाबा गुरमीत वाली हनीप्रीत

आखिरकार बाबा राम रहीम वाली हनीप्रीत पुलिस मिल ही गयी. कोर्ट और कैमरे के सामने हिलक-हिलक के रोते हुए अपने-आप निर्दोष बताया. माननीय न्यायालय ने हनी को 6 दिन की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया. हनीप्रीत के मिलने से सबसे ज्यादा न्यूज़ चैनल्स को ख़ुशी हुई है. होनी भी चाहिये. राम रहीम बाबा के साथ कोर्ट तक पहुंचते समय तक खबरिया चैनल्स को जबरदस्त बाईट देने वाली हनीप्रीत जैसे ही बाबा अंदर गए हनीप्रीत एकदम से भूमिगत हो गई. महीने भर तक पत्रकार क्या पुलिस भी बाबा की चेली को नहीं खोज पाये. इन खबर नवीसों के सर पर सम्पादक की तलवार लटकने लगी. सभी खबरनवीसों से यही सवाल होता रहा होगा कि हनीप्रीत का कोई सुराग लगा कि नहीं. सर पर लटकी तलवार हनी के मिलते ही हट गयी. अब एक बार फिर से इन खबर नवीसों को बाबा की हनीप्रीत पुराण टीवी पर टेलेकास्ट करने के लिए 6 दिन के लिए मसाला मिल गया. विज्ञापनदाता भी विज्ञापन तभी देते हैं जब कोई एमडीएच मसाले लगी खबर हो. अब इन चैनल्स के तीन साल से विज्ञापन ही कमाई का ज़रिया हैं. विज्ञापन नहीं तो वेतन नहीं. अगर बहुत गहराई से हनीप्रीत अद्रश्य पुराण कथा पर गौर किया जाए तो बाबा से ज़्यादा पत्रकारों को उसके न मिलने की चिंता थी. कोई बता रहा था कि बाबा राम रहीम हनीप्रीत...हनीप्रीत... का जेल के अन्दर भी राग अलापे हुए था. अब ये सच है या झूठ कि बाबा गुरमीत सिंह हनीप्रीत के वियोग में सच में रो रहा था या नौटंकी कर रहा था. क्योंकि नहीं हनीप्रीत की माने तो वो बाबा को हार बार कोर्ट में और कैमरे के सामने बाप बोल रही थी और बाप-बेटी के रिश्ते को कलंकित करने वाले खबर नवीसों को कोस रही थी. टीवी पर गिरफ्तारी के बाद देखी हनीप्रीत बातें करते समय चरित्र हनन से कम गिरफ्तारी के कारण सहमी हुई ज्यादा नज़र आ रही थी. अब देखना ये है कि खबरनवीसों के अनुसार हनी विद रामू पर चलाई गयी कहानी सच्ची थीं या कपोल काल्पनिक इस बात की सच्चाई सामने आनी ही है. बाकी तो बाबा सच में हनी का बाप था की पाप था. ये इन 6 दिनों की पुलिस रिमांड के समय ख़त्म होते तक सभी के सामने आना है. हनीप्रीत, बाबा से अपने रिश्तों पर कोई खुलासा करे या न करे, लेकिन वो जो इन 6 दिनों में पुलिस को बताएगी वो उत्तरी कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग की धमकी के हाइड्रोजन बम से कम धमाकेदार नहीं होगा.

    

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