मायूसी फैलाकर 2019 में अपने लिये सम्भावनायें खंगाल रहे हैं विरोधी दल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले कहा था कि कुछ लोग देश मायूसी फैलाने में लगे हैं. देश की जनता को जतलाना चाहते हैं कि रथ व्यवस्था एकदम चौपट हो गयी है. पीएम मोदी की ये बात शत-प्रतिशत सच है, ऐसे वो लोग हैं जो देश में आ रहे बदलाव के कारण घबराये हुए हैं. इनमें घबराहट इसलिए है कि कई दशकों से केंद्र और राज्यों में आती-जाती रही सरकारों जाकर उन लोगों को पनाह दी जो शार्टकट से धन कमाने के मास्टर थे. ऐसे ही लोगों ने देश को दीमक की तरह खोखला कर दिया है.70 साल से अधिक का समय गुजर जाने के बावजूद गरीब व्यक्ति जीतोड़ मेहनत के बाद भी गरीब ही रहा, लेकिन भ्रष्टाचार से कमाई करने वालों ने जमकर कमाया भी और काले धनवानों को कमाने में भरपूर सहयोग भी दिया. साम,दाम, दण्ड-भेद से कमाने वाले ऐसे लोग कुछ दशक पहले तक ये उन राज्यों तक ही सीमित थे जहां पर ये ऊपर तक सेटिंग करके 1रुपया लगा कर एक हज़ार कमाते रहे, ऐसे लोगों की गिनती सफ़ेद ख़राबपतियों में इसलिए नहीं होती है क्योंकि ये अपनी काली कमाई को सार्वजनिक नहीं कर सकते थे. इसका उदाहरण हाल ही में बलात्कार के मामले में 20 साल की सज़ा पाने वाला डेरा सच्चा सौदा का कथित बाबा गुरमीत सिंह उर्फ़ राम रहीम है. बलात्कार के मामले में जेल जाने के बाद जब मीडिया ने इसके डेरे में कैमरे की घुस-पैठ की तो ये अकूत चल-अचल संपत्ति का मालिक निकला. कभी सोचिये कोई आम बाबा इतना अमीर कुछ पैसों को पाकर बन सकता है. कुछ इसी तरह से काली कमाई करने वालों ने ऐसे ही रसूखदार बाबा टाइप लोगों से सेटिंग करके, धीरे-धीरे अब ये पूरे भारत में फ़ैल चुके हैं. इनके फैलने के पीछे भारत का विशाल होना रहा है. इनकी नज़रें पहले तो बड़े सरकारी विभागों पर रहा करती थी. जहाँ ये भ्रष्टाचारी अधिकारियों और बाबूओं की मिली भगत से एक रुपये से एक हज़ार कमाते रहे थे. समय के साथ इनकी काली कमाई की भूख बढ़ती गयी, इसी वज़ह से इनकी नज़रे भारत में फैली जमीनों पर पड़ी और ये चोला बदल कर बिल्डर बन गए देखते ही देखते जमीने खरीदकर गगनचुम्बी इमारते कड़ी करते चले गए. गर सही ढंग से सर्वे किया आये तो घरों के मुकाबले में लोग कम पड़ जायेंगे. एक काले धनवान के पास कई एक शानदार कोठियां मिल सकती हैं. आज कुछ किलोमीटर के दायरे में सैकड़ों की तादाद में 5 से दस मंजिला इमारतों को तना हुआ देखा जा सकता है. राज्यों से सेटिंग के चलते देश के सभी प्रदेशों में आज मॉल और व्यवसायिक और रिहाइशी इमारतों की भरमार है. राज्य की सरकारों ने इन्हें सुविधाएं दी तो इससे जुड़े विभागों के बाबूओं से लेकर अधिकारियों ने जमकर कमाई की. बेदाग़ छवि के मालिक नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभालते ही नोट बंदी कर के इन सब की रीढ़ तोड़ दी. जितना भी न लोगों ने कमाया था, सारा काला पिया बैंक में चला गया. आर बी आई और आईटी ने भी इन्हें चेता दिया कि जिसका भी रुपया बैंकों में जमा है, कैसे कमाया कितने समय में कमाया बताकर ले जाए. जो भी इस धन का सही हिसाब न दे पाया तो वो जेल जाने के लिए भी तैयार रहे. ऐसी सूरत में जिसकी सफ़ेद में कमाई थी, वो ही हिसाब दे सकता है. किसी भी तरह से इन्हें अपना काले धन को बचाने की सूरत नज़र नहीं आ रही है. इसी के चलते ये सब काले धनाड्य चाहते हं कि किसी तरह से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री से हटा लिया आये तो दूसरी सरकार से अपनी अबी तक की मज़बूत सेटिंग के बूते कालाधन सफेद करके बाहर ला सकते हैं. नोटबंदी ने देश को साफ़ सुथरा माहौल प्रदान कर दिया है. पहले की स्थिति के उलट है आज के बाज़ार की स्थिति.आज जितना भी धन बाज़ार में है, वो सब सफ़ेद है. जो बैंक में जमा है वो काला धन है, जिसे बाहर आने की जुगत में ही सब काले धनवान मोदी को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए गरीबी और बेरोजगारी की दुहाई देते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो और पोस्ट के माध्यम से जनता को ये जतलाना चाहते न कि गरीब मर रहा है, लेकिन सच्चाई इसे उलट है कि ये खुद अपनी ऐशो-आराम भरी जिंदगी न जी पाने के कारण मरने की कगार पर पहुंच चुके हैं.



Comments
Post a Comment