एयरपोर्ट में चाय-कॉफ़ी की कीमत सुनकर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम की तरह ही 10 साल पहले भी एक युवक डरा था
पूर्व केन्द्रीय वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने ट्वीट किया कि चैन्ने एयरपोर्ट पर चाय और कॉफ़ी की कीमत को देखकर डर गया. 135 रुपये की चाय और 180 रुपये की कॉफ़ी की कीमत सुनकर डर गया हूँ या आउटडेटेड हो गया हूँ. लगता है आज-कल कांग्रेस पार्टी के नेताओं को अपना मज़ाक उड़वाने और 4 साल से नये-नये गरीब हुए को आज गरीबी का एहसास हो रहा है. पूर्व केन्द्रीय वित्तमंत्री को सरकारी खर्चे पर कई दशकों तक गेट टू गेदर पार्टियों में मौज करते समय दस हज़ार रुपये में एक खाने की प्लेट खाते समय डर नहीं लगता था.
उस समय जनता के टैक्स से विदेश यात्राओं और पार्टियां करने में अपार सुख की अनुभूति होती होगी. शायद इन कई दशकों तक पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने अपनी महँगी सरकारी गाड़ी से बाहर झाँक कर फूटपाथ पर पड़े ग़रीबों को देखने का कष्ट नहीं किया. अगर किया होता तो उन्हें पता चल जाता कि एक मेहनत काश इन्सान के मुकाबले वो कितने गरीब हैं. पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की ट्वीटर पर लिखी चाय-135 रुपये. और कॉफ़ी-180 रुपये से डर जाने की बातों से समझा जा सकता है कि इन्होंने और इनके साथी बाराती नेताओं ने सरकारी धन का कितना दुरूपयोग किया होना. इन्हें दस हज़ार की फाइव स्टार होटल की खाने की प्लेट शायद उस समय 100 रुपये की लगती थी. अगर इन्होंने अपनी जेब से होटल का बिल किसी दिन भी भर दिया होता तो उसी दिन डर गये होते. पी. चिदम्बरम के एयरपोर्ट में चाय और कॉफ़ी के दामों से डरने की बात से एक लगभग 10 साल पुरानी घटना याद आ गयी. मैं मुंबई से लखनऊ फ्लाईट से आ रहा था. मेरी बगल की सीट पर एक नया-नया बैंक मैनेजर बना युवक बैठा था. उड़ते हवाई जहाज की परम्परा के अनुसार एयर होस्टेस ने मुझसे और उस युवक से कुछ खायेंगे की बात पूछी तो मैंने तो इनकार कर दिया, क्योंकि इनके खाने और पानी की क्या कीमत होती है पता था. शायद वो युवक पहली बार बैठा था ने खाने के लिए ब्रेड स्लाइस और फिंगर चिप्स का ऑर्डर दे दिया. कुछ देर में एयर होस्टेस बीच से कटे हुए स्लाइस के दो आपस में चिपके पीस जिनके बीच में कटा टमाटर और चीज़ भरी हुई लाकर दे गयी. खा लेने के वो युवक मुझसे बात करने लगा तो समझ में आ गया कि वो मेरी ही तरह मिडिल क्लास का ही है. इसी दौरान एयर होस्टेस पेमेंट लेने आ गयी. उसने उस युवक से 165 रुपये पेमेंट माँगा उसके चेहरे से लगा कि उसे ये कीमत सुनकर झटका लगा है. लेकिन उसने इस बात शर्मिंदगी के कारण ज़ाहिर नहीं किया और एयर होस्टेस को 5 सौ का नोट दिया तो उसने कहा सर राउंड फिगर में पेमेंट लूं तो उस युवक ने हामी भर दी. कुछ देर बाद वो एयर होस्टेस ने 300 रुपयों के साथ उसके हाथ में एक आज-कल दी जाने वाली पानी की बोतल थमा दी. शायद उस बोतल में सौ या दो सौ एमएल पानी होगा. इस पर वो युवक मुझसे बोला अंकल आज तो बहुत बड़ी गलती हो गयी. मैं भी मुस्करा कर रह गया. हाँ तो पी. चिदम्बरम जी आप भी 8 साल पहले ही इस युवक की तरह डर गए होते, अगर सरकारी खर्च से हवाई यात्रा और खाने पीने की सुविधाओं से लैस न होते. वैसे आपका 8 पहले डरना न हुआ वरना तीसरी बार भी आपके जैसे गरीब वित्तमंत्री को झेलना पड़ता. अगर इत्तेफ़ाक से 2024 के बाद सत्ता में आ जाएँ तो पहले ही डर जाइयेगा तो अच्छे से कार्य करेंगे. वरना तो आप सब की किस्मत में अब डरना ही डरना लिखा है. खाने पर साढ़े बारह पर्सेंट सर्विस टैक्स आप ही ने लगाया था. याद है या भूल गए हैं. होटल आदि के लोग बिना टिन नंबर के भी इसको जनता की जेब से खींच लेते थे. शायद नहीं पता होगा क्योंकि आप कई दशकों बाद डरे हैं.
उस समय जनता के टैक्स से विदेश यात्राओं और पार्टियां करने में अपार सुख की अनुभूति होती होगी. शायद इन कई दशकों तक पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने अपनी महँगी सरकारी गाड़ी से बाहर झाँक कर फूटपाथ पर पड़े ग़रीबों को देखने का कष्ट नहीं किया. अगर किया होता तो उन्हें पता चल जाता कि एक मेहनत काश इन्सान के मुकाबले वो कितने गरीब हैं. पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की ट्वीटर पर लिखी चाय-135 रुपये. और कॉफ़ी-180 रुपये से डर जाने की बातों से समझा जा सकता है कि इन्होंने और इनके साथी बाराती नेताओं ने सरकारी धन का कितना दुरूपयोग किया होना. इन्हें दस हज़ार की फाइव स्टार होटल की खाने की प्लेट शायद उस समय 100 रुपये की लगती थी. अगर इन्होंने अपनी जेब से होटल का बिल किसी दिन भी भर दिया होता तो उसी दिन डर गये होते. पी. चिदम्बरम के एयरपोर्ट में चाय और कॉफ़ी के दामों से डरने की बात से एक लगभग 10 साल पुरानी घटना याद आ गयी. मैं मुंबई से लखनऊ फ्लाईट से आ रहा था. मेरी बगल की सीट पर एक नया-नया बैंक मैनेजर बना युवक बैठा था. उड़ते हवाई जहाज की परम्परा के अनुसार एयर होस्टेस ने मुझसे और उस युवक से कुछ खायेंगे की बात पूछी तो मैंने तो इनकार कर दिया, क्योंकि इनके खाने और पानी की क्या कीमत होती है पता था. शायद वो युवक पहली बार बैठा था ने खाने के लिए ब्रेड स्लाइस और फिंगर चिप्स का ऑर्डर दे दिया. कुछ देर में एयर होस्टेस बीच से कटे हुए स्लाइस के दो आपस में चिपके पीस जिनके बीच में कटा टमाटर और चीज़ भरी हुई लाकर दे गयी. खा लेने के वो युवक मुझसे बात करने लगा तो समझ में आ गया कि वो मेरी ही तरह मिडिल क्लास का ही है. इसी दौरान एयर होस्टेस पेमेंट लेने आ गयी. उसने उस युवक से 165 रुपये पेमेंट माँगा उसके चेहरे से लगा कि उसे ये कीमत सुनकर झटका लगा है. लेकिन उसने इस बात शर्मिंदगी के कारण ज़ाहिर नहीं किया और एयर होस्टेस को 5 सौ का नोट दिया तो उसने कहा सर राउंड फिगर में पेमेंट लूं तो उस युवक ने हामी भर दी. कुछ देर बाद वो एयर होस्टेस ने 300 रुपयों के साथ उसके हाथ में एक आज-कल दी जाने वाली पानी की बोतल थमा दी. शायद उस बोतल में सौ या दो सौ एमएल पानी होगा. इस पर वो युवक मुझसे बोला अंकल आज तो बहुत बड़ी गलती हो गयी. मैं भी मुस्करा कर रह गया. हाँ तो पी. चिदम्बरम जी आप भी 8 साल पहले ही इस युवक की तरह डर गए होते, अगर सरकारी खर्च से हवाई यात्रा और खाने पीने की सुविधाओं से लैस न होते. वैसे आपका 8 पहले डरना न हुआ वरना तीसरी बार भी आपके जैसे गरीब वित्तमंत्री को झेलना पड़ता. अगर इत्तेफ़ाक से 2024 के बाद सत्ता में आ जाएँ तो पहले ही डर जाइयेगा तो अच्छे से कार्य करेंगे. वरना तो आप सब की किस्मत में अब डरना ही डरना लिखा है. खाने पर साढ़े बारह पर्सेंट सर्विस टैक्स आप ही ने लगाया था. याद है या भूल गए हैं. होटल आदि के लोग बिना टिन नंबर के भी इसको जनता की जेब से खींच लेते थे. शायद नहीं पता होगा क्योंकि आप कई दशकों बाद डरे हैं.



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