राष्ट्र मंडल खेल-2018: खेलों में भारत के स्वर्णिम भविष्य के ध्वज वाहकों पर गर्व है
कॉमन वेल्थ गेम्स का समापन हो गया. भारतीय दल ने जोरदार उपस्थिति दर्ज करते हुए 26 स्वर्ण, 20 रजत, 20 कांस्य कुल मिलाकर 66 पदक जीते. पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स के मुकाबले देखा जाए तो 2018 में सीडब्ल्यूजी में 2 पदक ज्यादा जीत कर शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए आस्ट्रेलिया और इंग्लैण्ड के बाद तीसरे स्थान पर रही. 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स से भारत को शुभ संकेत मिल रहे हैं. सभी इवेंट्स में भारत के खिलाड़ियों ने अपने खेल में अच्छा सुधार किया है. पिछली बार के 15 स्वर्ण पदक के मुकाबले भारत ने इस बार 11 स्वर्ण पदकों का इजाफा करते हुए अपने खाते में कुल 26 स्वर्ण पदक बटोरे. इन 11 गोल्ड की बदौलत भारत पांचवें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुँच गया. पांचवें से तीसरे नंबर आने से ही समझ में आ जाता है कि पिछली बार जिन खिलाडियों सिल्वर या कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा था.उन्होंने इस बार इनको पदकों को स्वर्ण में बदलने का प्रयास सफल रहा. सबसे मज़ेदार बात बैडमिन्टन की महिला एकल में देखने को मिली. भारत की साइना नेहवाल और पीवी सिन्धु के बीच स्वर्ण पदक के लिए हुए मुकाबले में ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिन्धु को साइना के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा और साइना नेहवाल ने स्वर्ण पदक विजेता बन गयीं. भारत की सबसे युवा खिलाड़ी हरियाणा की 16 वर्षीय मनु भाकर ने 10 मीटर की एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर निशाना साधा तो वहीं 34 साल की मेरिकॉम ने गोल्डन मुक्का जमाया. देखा जाए. भारत की महिला एथलीटों ने व्यक्तिगत मुकाबलों में जबरदस्त सफलता हासिल की. भारत के लिए कुछ मुकाबले ऐसे रहे जिसमें पहली बार पदक जीता.
*कॉमनवेल्थ गेम्स के टेबल टेनिस में महिलाओं की सिंगल स्पर्धा में भारत को पहली बार स्वर्ण पदक मिला। भारत की तरफ से यह कारनामा किया युवा एथलीट मनिका बत्रा ने।
नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में भारत को गोल्ड दिलाया, जो इस स्पर्धा में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का पहला गोल्ड था।
भारत की स्टार मुक्केबाज और ओलंपिक पदक विजेता मैरीकॉम पहली बार कॉमनवेल्थ में खेलने उतरी और अपना पहला गोल्ड मेडल जीता।
कॉमनवेल्थ खेलों के इतिहास में भारत को पहली बार बैडमिंटन मिक्स्ड टीम डब्ल्स में गोल्ड मेडल मिला।
महिलाओं की टेबल टेनिस टीम ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता।
टेबल टेनिस में महिलाओं की युगल स्पर्धा में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को पहली बार रजत पदक मिला। भारत की मनिका बत्रा और मौमा दास की जोड़ी को फाइनल में सिंगापुर की मेंगयू यू और तियानवेई फेंग की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा था।
हरियाणा के 18 वर्षीय दीपक लाठेर ने वेट लिफ्टिंग की 69 किलोग्राम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता। कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए पदक जीतने वाले वे सबसे युवा भारोत्तोलक हैं।
बैडमिंटन में भारत की पुरुष युगल जोड़ी 17 वर्षीय सात्विक साईराज और 20 वर्षीय चिराग शेट्टी भले ही गोल्ड जीतने से चूक गई हो लेकिन इस जोड़ी ने सिल्वर मेडल हासिल कर इतिहास रचा है। यह जोड़ी राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष युगल स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली जोड़ी बनी।
2018 के राष्ट्र मंडल खेलों में भारत के 227 सदस्यों वाले एथलीट दल ने 26 स्वर्ण पदक जीत कर खेलों के सुनहरे भविष्य की रचना कर दी है.





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