1साल में 625 बिलियन डॉलर के क़र्ज़ में डूबा पाकिस्तान : भारत का विरोध करते रहने पर भीख मांगने के लिए कटोरा भी नहीं रहेगा

आतंकवादियों की पनाहगाह और इन्हें पोषित करने वाले देश पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी शाहिद अफरीदी क्रिकेट खेलने के जॉब के खत्म हो जाने के बाद आतंकवादियों से जॉब पाने की जुगत में लगे जान पड़ते हैं. बीते दिनों आतंकरोधी अभियान के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा भारत में भेजे गये 13 आतंकवादियों को मार गिराया था. इस बात से दुखी होकर पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने इस पर ट्वीट किया कि भारत अधिकृत कश्मीर की स्थिति बेचैन करने वाली है. यहाँ आत्मनिर्णय और आज़ादी की आवाज़ को दबाने के लिए दमनकारी शासन द्वारा निर्दोष लोगों को मार दिया जाता है. इस बात से हैरान हूँ कि संयुक्त राष्ट्र कहाँ है. अफरीदी का ट्वीट उसे आतंकवादियों से जॉब मांगने जैसा ही है. पाक क्रिकेटर अफ़रीदी को चाहिए कि उसे अपने देश के हालातों की चिंता करनी चाहिए. इतने भी नासमझ नहीं हैं कि उसे भारत अधिकृत कश्मीर पर बोलने से पहले पाकिस्तान सरकार, आर्मी और आईएसआई द्वारा संचालित आतंकवाद की जानकारी नहीं है. आज पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर दुनिया में फ़ैल चुके आतंकवादियों ने बहुत से देशों में कोहराम मचा रखा है. इसी की प्रतिक्रिया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की अमेरिका के हवाई अड्डे पर पैन्ट तक उतार कर तलाशी ली जाती है. अफरीदी को चाहिए कि अपने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की हुई फज़ीहत पर ट्वीट करें. लगता है अफरीदी को अपने देश पाकिस्तानी अवाम से ज्यादा दूसरे देश के लोगों की चिंता अधिक है. अफरीदी को ये नहीं पता जिस यू.एन. के लिए पूछ रहे हैं कि कहाँ है. उसी संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की लिस्ट में 139 पाकिस्तानी शामिल हैं. क्रिकेटर अफरीदी को राजनीतिक बयान देने के पहले इन बातों को सोच समझ लेना चाहिए कि पाकिस्तान के नागरिकों की दूसरे देशों में क्या इज्ज़त है. दूर न जाए खाड़ी के इस्लामिक देशों में जाकर पता करें कि पाकिस्तान के नागरिकों की क्या दुर्दशा है. इन देशों में पाकिस्तानियों के साथ काम करने वाले लोग दूरी क्यों बनाकर रखते हैं? अफरीदी को चाहिए कि पाकिस्तान द्वारा भारत में भेजे जाने वाले अपने शान्तिदूतों (आतंकवादियों)सीमा पर न करने दें, वरना सभी को इसी तरह से इन्डियन आर्मी ठोंकती रहेगी. भारत के हालातों पर छाती कूटने से पहले इस बात पर चिंतन करें कि पाकिस्तान की अवाम इतनी महंगाई में घर का खर्च कैसे चला रही है. भारत में 10 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर पाकिस्तान में 300 रुपये किलो बिक रहा है. उसे खाने की आम पाकिस्तानी की हैसियत नहीं है. इस तरफ से पाकिस्तानी अवाम का ध्यान बँटाने के लिए शाहिद अफरीदी से पाकिस्तानी आकाओं ने इसीलिए ट्वीट करवाया है. शाहिद अफरीदी को शर्म आनी चाहिए कि जिस पाकिस्तानी अवाम ने उसे आम आदमी से ख़ास बना दिया. उसकी रोज़-मर्रा की जिंदगी में शामिल खाद्य सामग्री उचित मूल्य पर मुहैया कराने की पाकिस्तान सरकार से अपील करें. अफरीदी के भारत अधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान के निर्यातित आतंकवादियों को आर्मी के मर गिराये जाने के बाद आये ट्वीट का सम्बन्ध जोड़ा जाए तो क्रिकेटर इमरान खान के बाद ये दूसरे क्रिकेट खिलाड़ी होंगे जो पाकिस्तान की राजनीति में क़दम रखने जा रहे हैं. पाकिस्तान में ये चलन है कि जितना भारत का विरोध करोगे, उतना ज्यादा ही इस मुल्क के कट्टरपंथी (आतंकवादी कहना ज्यादा उचित है) उस आदमी को मदद करेंगे. भारत विरोध की बीमारी से ग्रस्त पाकिस्तान की जनता औसत आय के अनुपात भीषण महंगाई की मार झेल रही है. पाकिस्तान भी अब भारत की पिछली सरकार की तरह पेट्रोल और डीजल के दामों को कम करके रखती है, ताकि यह कह सकें कि पड़ोसी देश भारत मुकाबले पाकिस्तान सरकार सस्ता पेट्रोल मुहैया कराती हैं. कुछ भारत के मंद बुद्धिजीवी मोदी सरकार विरोधी पेट्रोल के दामों के बढ़ते ही पड़ोसी देश पाकिस्तान में कितना सस्ता है. सत्ता के लालच में विरोधी दल, देश की जनता तक ये सच्चाई नहीं पहुँचने देना चाहते हैं कि भारत में पाकिस्तान के मुकाबले बाकी सभी वस्तुओं के दाम कंट्रोल में है. आज पाकिस्तान अपने बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है. जहाँ पेट्रोल के अलावा हर उपभोग की वस्तुओं के दाम आसमान में पहुँचने से कोई नहीं रोक पायेगा. कटोरा लेकर देश-विदेश घूम-घूमकर भीख मांगने वाला पाकिस्तान 1 वर्ष में 625 बिलियन डॉलर के
क़र्ज़ में डूब गया है. वहीँ आज भारत सरकार अपने पड़ोसी देशों को आर्थिक मदद करने में सक्षम है. अमीर देशों से पाकिस्तान की तरह कटोरा लेकर भीख माँगने की जगह आँखों में आखें डालकर बात करता है. 4 साल में मोदी सरकार ने वो कर दिखाया जो किसी भी सरकार करने का दम नहीं था. पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी को चाहिए कि अपने देश पाकिस्तान की जर्ज़र होती हालत की चिंता करें, वरना वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान रेत के महल की तरह ढह जाएगा. जो कटोरा भीख मांगने के लिए हाथ में थाम रखा है, वो भी नहीं रहेगा.

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