ऊपर वाला बचाये सोशल मीडिया के ऐसे अध्-कचरे ज्ञानधारियों से
सोशल मीडिया पर टहलने के दौरान कभी-कभी मुझे ऐसा महसूस होने लगता है कि इतने भीषण विद्वानों के बीच कहाँ आ फंसा हूँ. जो देखो वो 350 सीसी की बाइक की रफ़्तार से फुल स्पीड में ज्ञान पेलता दिखाई देता है. अभी के सज्जन पूरी रफ़्तार से पीएम मोदी को फेस बुक के कमेन्ट आप्शन से पांच-सात लाइन लिखकर ज्ञान दे रहे थे. क्या-क्या लिखा ये वो खुद ही समझ सकता है. उसको सिर्फ इतना ही कहा कि कल माननीय शीर्ष अदालत के फैसले के विरोध में एससी-एसटी कोटेदारों ने भारत बंद का ऐलान किया है. तुम्हारी कास्ट के फेवर में फैसला है तो तुम फेस बुक में ज्ञान पेलकर एनर्जी खर्च करने की जगह 15 लोगों को लेकर समर्थन में खड़े भर हो जाना तो उस बन्दे को सांप सूंघ गया. पलटकर कुछ नहीं लिखा शायद उसे इतनी जानकारी नहीं होगी कि क्या फैसला और क्यों विरोध होगा. अब ऐसे अज्ञानी लोग सोशल साईट पर इतना भीषण ज्ञान का तड़का लगायेंगे तो सही बात भी गलत लगने लगती है. अक्सर एक बात देखि है वो ये कि पीएम मोदी को सबसे ज़्यादा ज्ञान ये फ़ेक आईडी धारी देते दिखते हैं. क्या कहना चाहते हैं समझ के परे है. एक मंद बुद्धिजीवी बातें छौंकने लगा कि मोदी पीएम बनने के बाद सिर्फ विदेश यात्रा ही कर रहे हैं. और बेरोजगार और ग़रीबों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. चूँकि लेने के लिए उससे पूछ लिया कि ग्रेजुएट हो बताओ, मोदी पीएम बनने से पहले क्या थे. जानकर था, तपाक से बोला मुख्यमंत्री थे. फिर उसके आँखों के सामने के अज्ञान के अँधेरे को हटाते हुए बताया कि मोदी जी लगभग डेढ़ दशक तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे. गुजरात के विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है.इसी विकास के कारण जनता ने उन्हें देश का प्रधानमंत्री चुना है. पीएम मोदी की जो यात्रा करने की बातें छौंक रहे हो, उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए 25 बार विदेश गए थे. इसीलिए गुजरात आज महाराष्ट्र के टक्कर का राज्य है. ये बात उनकी पार्टी के छठी बार सत्ता में आने से साबित होती है. उसके बाद वो भक्त कहकर निकल लिया. कुछ ऐसे ही अध-कचरे ज्ञान के कुछ कचरा किस्म के लोग सोशल मीडिया पर खूब हनक के साथ टहलते हैं. इनमें ये हनक इस वजह से होती है क्योंकि ये किसी पोस्ट पर पीएम मोदी को ज्ञान देकर आये होते है. ये अधिकतर फ़ेक आईडी के लोग होते हैं जिसका संचालन सोशल मीडिया के माफियाओं के हाथ होता है ऐसे लोगों में कुछ पहचाने जा चुके हैं, जल्द ही इनके कपड़े उतारने की योजना है. कभी-कभी सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का विरोध के लिए विरोध देखने के बाद ऐसा लगने लगता है कि सोशल मीडिया में घूमने वाले ये पेड लोग सास-ससुर तो पीएम मोदी जी सीधी-साधी बहू जैसे दिखने लगते हैं. कुछ लोग दारू-मुर्गा खाने के लिए कुछ रुपयों के लिए अपनी आत्मा को बेचते दिखते हैं. इस लाइन में कुछ महान पत्रकार भी दिखते हैं. जो बिना 2 पैग गटके न्यूज़ का इंट्रो तक नहीं लिख पाते हैं. ये देश की गरीब जनता का दुर्भाग्य है कि उनके लिए कोई ईमानदारी से कुछ करने के लिए आगे बढ़ा है उसको रोकने के लिए विरोधी खेमे के लोग जी जान से जुटे हुए हैं. नकारात्मक प्रचार करके के सत्ता पाना ही इनका उद्देश्य है.इन चापलूस ज्ञानधारियों को समर्पित ये पंक्तियाँ "जिंदगी में बहुत मौज मिली, कभी-कभी नहीं रोज़-रोज़ मिली, चाहा था एक दोस्त अच्छा, लेकिन यहाँ मूर्खों की पूरी फ़ौज मिली.




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