सलमान पर भारी पड़ी रील लाइफ: 'टाइगर जिन्दा है' लेकिन जेल में है...

राष्ट्रीय संरक्षित पशु 2 काले हिरन के शिकार के 20 साल पुराने मामले में फिल्म एक्टर सलमान खान को जोधपुर कोर्ट ने 5 वर्ष जेल की सज़ा सुनाई है और दस हज़ार का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने शिकर के दौरान उनके साथ रहे फिल्म कलाकार सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और नीलम को बरी कर दिया.इन सभी पर शिकार के लिए उकसाने का मामला था. सलमान खान जमानत के लिए अपील करेंगे. सन 1998 में चलते हैं. फिल्म जगत के जाने-माने नाम सलमान खान समेम सैफ अली, तब्बू ,नीलम और सोनाली बेंद्रे 'हम साथ साथ हैं' शूटिंग यूनिट के साथ जोधपुर गए थे. शूटिंग के बाद ये पाँचों फिल्म कलाकार जंगल में बेजुबान जानवरों की शूटिंग के लिए निकल लिए. बस यही पर मिसटेक हो गयी. अक्सर देखा गया है कि फ़िल्मी कलाकार रीयल लाइफ से ज्यादा रील लाइफ़ में जीने लगते हैं. इनके अन्दर यह बात घर कर जाती है कि उनके अलावा सब नगण्य हैं. इसी के चलते ये अक्सर अपने अहंकार में आकर कुछ क़ानून से हट कर कर जाते हैं. कहते हैं फिल्म लाइन रुपहली दुनिया है. इतनी ज्यादा चकाचौंध है, जिसके कारण वो अपने आस-पास की आवाजों को सुनना नहीं चाहते या सुनने के बाद भी उसे अनसुना कर देते हैं. इससे पूर्व संजय दत्त भी इसी चकाचौंध के कारण ही एके-47 रखने के आरोप में सज़ा काट चुके हैं. फिल्म जगत एक ऐसी जगह है जहां पर एक आम व्यक्ति कोई एक मूवी के बाद जब सुपर हिट हो जाता है और सेलिब्रिटी बन जाता है.उसके लाखों करोड़ों चाहने वाले पैदा हो जाते हैं. सुपर हिट मूवी के कारण सुपर हीरो बन जाने की स्थिति उसके जीवन के लिए घातक हो जाती है. वो अपने आप को फ़िल्मी लाइफ के कैरेक्टर बाहर नहीं निकाल पाता है और हमेशा ही उसे लगता रहता है कि वो हीरो है और कैमरे लगे हुए हैं. ये उसकी रुपहली सोच होती है. यही सोच उसे गलतियाँ करने पर मज़बूर कर देती है. संजय दत्त के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ कि उनकी रियल लाइफ पर रील लाइफ हावी हो गयी थी. फिल्मों में मारधाड़, गोलीबारी आदि के सीन करते-करते वो उस अच्छे-बुरे चरित्र में ही जीने लगे. उन्हें इस बात का इल्म नहीं रहा कि एके-47 रखना बहुत बड़ा अपराध है. इस हरक़त का कारण उनकी रील लाइफ थी.जैसे फिल्मों में कंधे या हाथ में नकली बन्दूक पकड़ कर नकली गोलियां चलाते हुए इमेजिन करते है, कुछ ऐसा ही वो रियल लाइफ में कर गए. उन्हें ये नहीं पता था कि निषिद्ध बिना लाइसेंस का हथियार रखना क़ानून अपराध है. कुछ इसी तरह की बात उनके लिए पिता और कलाकार स्वर्गीय सुनील दत्त ने कही थी कि वो नासमझी में ऐसा कर बैठा. लेकिन क़ानून इन बातों को नहीं मानता है. न्याय के मंदिर में बैठा न्यायधीश हमेशा इस सोच पर चलता है कि वो गलती से किसी निर्दोष के साथ अन्याय न कर बैठे. जिसका मलाल उसे ताउम्र सालता रहे. वैसे तो सलमान खान को सजा हुई उसके लिए अफसोस ही किया जा सकता है कि वो इस गलती को करने से बाख सकता था. दूसरी तरफ इस फैसले के कारण ख़ुशी भी है कि एक लाचार और बेजुबान प्राणी जो हम मानवों के ऊपर आश्रित होते हैं, जो इतने कमज़ोर होते हैं कि वो इंसानों की तरह विरोध स्वरुप बोल भी नहीं कर सकते है. उनकी हत्या मात्र मनोरंजन करने के लिए की गयी थी को अपने किये की सजा मिल गयी. रील लाइफ में जीने वाले सलमान खान के लिए अब ये कहा जा सकता है कि टाइगर ज़िन्दा है...लेकिन जेल में है.

     

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