कांग्रेस को चाहिए शनिदेव बाबा की साढ़े-साती उतरवाये, तभी केंद्र की सत्ता हाथ लगेगी

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्थापना दिवस पर संबोधित करते हुए कहा कि जब बाढ़ आती है तो कुत्ता-बिल्ली सांप-नेवला इ वृक्ष पर बैठ जाते हैं. मोदी रुपी बाढ़ में बह गये सभी दल बेमेल दल गठबंधन के लिये जुट रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष ने संकट में घिरी सभी पार्टियों को निशाने पर लिया था. इस पर कांग्रेस की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने पलटवार में जो कहा, इस स्क्रिप्ट को लिखने वाले को किसी कांग्रेसी ने गलत जानकारी दी कि अमित शाह ने चूहे का नाम लिया था, या फिर स्क्रिप्ट राइटर बन्दे को भैरो नाथ बाबा की सवारी कुत्ता होता है. इस बात की जानकारी नहीं थी. कूकुर(प्रेशर कुकर नहीं) ये शनिदेव के भी ये प्रिय पशु माने जाते है. कांग्रेस के स्क्रिप्ट राइटर को कूकुर(कुत्ते) का क्या महत्त्व है कि जानकारी नहीं थी. शनि देव की साढ़े-साती  उतारने के लिए लोग भैरो बाबा मंदिर जाते है. खैर जब किसी पर साढ़े-साती च रही होती है तो वो कुछ भी समझ नहीं पाता और परेशां हाल घूमता रहता है. आज के आधुनिक युग में काले करोद्पतिये खूब जोर-शोर से कुत्ते पालते हैं. अब ये साढ़े-साती(ढैय्या)  से बचने के लिए नहीं जंजीर पकड के घुमाने के लिए पालते हैं. वैसे कांग्रेस अभी नयी नयी जनेऊ धारी बनी है उसे इसका ज्ञान नहीं होगा, इसीलिए चूहा जोड़ दिया ताकि थोड़ा सा बयान में हिन्दू धर्म का तड़का लग जायेगा. जो नास्तिक होते हैं, वो भी भगवानों की तस्वीरों में चूहे और शेषनाग को देख लेते हैं. लेकिन जनेऊ धारी पार्टी के लोग सीरियल देखने के कारण भैरो नाथ के कुत्ते का महत्त्व नहीं समझ सके. सभी हिन्दू जानते हैं कि काला कुत्ता भैरो नाथ और शनि देव के प्रिय हैं, लेकिन जब बाढ़ आफत आती है तो कुत्ते को छोड़कर इन्सान भी भाग खड़ा होता है. ये कटु सत्य है कि मुसीबत के समय सभी को अपनी जान बचाने की पड़ी होती है, उस समय सुरक्षित स्थान की तलाश में ये सभी आपस में बैर रखने वाले जीव-जन्तु बिना भेद-भाव के बैठ जाते हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कुछ ऐसा ही वर्णन अपने संबोधन में किया था. हर बात का विरोध करने वाली पार्टी ने बिना ज्ञान के चूहे को भी जोड़ लिया. अगर कुत्ते के बारे में ये मालूम होता कि साढ़े-साती उतारने के लिए भैरो बाबा की सवारी की कुत्ते की शरण में जाते है तो पलटवार थोड़ा मज़बूत हो जाता, ये बात दिमाग में आती कैसे जब सर पर साढ़े-साती चढ़ी हो. अब सवाल ये है कि कांग्रेस के सर पर साढ़े-साती की तरह चढ़े पीएम मोदी को कैसे उतारती है,सन 2019 शुरू होने के पहले. कांग्रेस को सलाह है कि सत्ता की जगह शनिदेव बाबा की साढ़े-साती उतारने का उपाय करना चाहिये. वैसे जानकारी के लिए बता दूं की भैरो नाथ का मंदिर अंतिम यात्रा पर बैकुंठ धाम पहुँचने वाले को तारने के लिए स्थापित किया जाता है(हास्य-व्यंग).

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