पतंगबाजी : किसी के भी गले लग सकती है हवा में लहराती मौत

अब ज़रूरी हो गया है कि पतंगबाज़ी पर अंकुश लगाया जाये. कुछ नवाबी शौक करने वाले लोगों के कारण आम लोगों का जीवन खतरे में या जीवन जोखिम में पड़ जाता है. अब कभी-कभी नहीं आये दिन पतंग के मांझे से दोपहिया सवार लोगों को जान या फिर जीवन भर की त्रासदी उनको और उनके परिवार को झेलनी पड़ जाती है. कुछ दिन पहले पतंग के मांझे से एक युवक की गर्दन पर गहरा घाव हो जाने का समाचार पढ़ा था. आते जाते लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया. समय रहते इलाज हो गया तो उसकी जान बच गयी. इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि ज़रा सा भी अगर मांझे ने और गहरा काट दिया होता तो जान बचाना मुश्किल हो जाता. पतंग उड़ाने के शौकीन लोगों को शायद ये बात समझ में नहीं आती है कि उनके इस शौक के कारण आम लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाता है. ऐसी ही एक घटना वीवीआईपी क्षेत्र मॉल एवेन्यू के कैंट से जोड़ने वाले ओवर ब्रिज पर देखने को मिली. जहाँ पर बाइक सवार युवक के चेहरे पर मांझा रगड़ खाया, कुछ समझने या बाइक रोकने का प्रयास करता, तब तक पतंग के मांझे ने उसकी आँखों पर कट मार दिया. वो युवक खून रोकने के लिए आँखों पर रुमाल रखकर असहाय खड़ा रह गया. रह चलते लोगों में एक युवती उसे पास के सरकारी अस्पताल ले गयी.उस युवक की आँखें बची या नहीं पता नहीं.पतंग के मांझे से घायल और मरने वालों की संख्या देश में दिन-प्रति-दिन बढती जा रही है. घायलों में बेजुबान पक्षी भी होते है. राजधानी लखनऊ में लोग पतंगबाज़ी का ज़बरदस्त शौक रखने हैं. उनके इस शौक को पूरा करने के लिए आम लोगों को अपने जीवन या आँखों से हाथ धोना पड़ जाता है. अब तो ये हाल हो गयी है कि जहां भी मैदान मिल जाता है, ये पतंगबाज़ जुट जाते हैं. यही कारण है कि मांझे से गला काटने से लोगों की मौत या घायल होने की दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी होती जा रही है. इस तरह की दुर्घटना में किसके खिलाफ एफआईआर की जाए, आम लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. प्रदेश की सरकार को इस पतंगबाजी पर सख्ती बरतनी चाहिए, कुछ शौकीन लोगों के लिए आम लोगों की जान को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है. पुलिस को चाहिए कि पतंग उड़ाने वालों समय-समय पर चेतावनी देते रहना चाहिए न मानने पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. पतंग उड़ाने वाले शौक़ीन लोग इस तरह की दुर्घटनाओं  से इसलिए सबक नहीं ले पाते हैं, क्योंकि उन पर पतंगबाजी का भूत सवार होता है. ये सब घटनाओं के अलावा भी गुथे हुए तार को मांझे में बांधकर पतंग उड़ाने वाले बिजली के तारों में शोर्टसर्किट पूरे क्षेत्र की बिजली व्यवस्था को भी ध्वस्त कर देते हैं. लेकिन अब तक किसी भी सरकार ने पतंगबाजी को प्रतिबंधित करने का प्रयास नहीं किया है. मान भी लिया जाए कि इससे हजारों गरीब लोगों की  रोजी-रोटी जुडी हुई है, तो क्या आम लोगों के के जीवन का रिस्क ले लिया जाए. लोगों की जान जोखिम में डालने वाले इस शौक पर सरकार को रोक लगानी चाहिए.





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