कांग्रेस के उपवास पर भारी पड़े छोले-भठूरे : किसी भूखे गरीब की हाय लग गयी
अब तो पक्का है कि कांग्रेस के ऊपर शनिदेव की साधे-साती बहुत भयानक रूप से सवार है. कुछ भी नया करते हैं उसकी पोल खुल जाती है. अब छोले-भठूरे(मुंह में पानी आ रहा)खाकर उपवास करने को ले लीजिये. राहुल गाँधी के नेतृत्व में कुछ कांग्रेसियों ने अन्ना हजारे स्टाइल में उपवास करने की ठानी थी तो पत्रकारों ने भांडा-फोड़ दिया. इन खबरचियों कुछ इस बात का ख़याल रखना चाहिए था कि कांग्रेसी उपवास गरीब और दबे कुचले लोगों के लिए था. अगर छोले-भठूरे दाब भी लिए थे और खाते हुए पिक्चर मिल गयी थी तो उसे छोले-भठूरे की तरह दाब लेना चाहिए था. अब तो देश की आम और ख़ास जनता को चक्कलस करने के लिए मुद्दा मिल गया. वहीं बीजेपी के नेताओं को कांग्रेसी नेताओं को रेनकोट जैसा एक शब्द और मिल गया. अब तो सड़क से संसद तक छोले-भठूरे की गूँज कई दिनों तक रहेगी. वैसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल जी अगर सचमुच छोला भटूरा खाकर उपवास करने बैठे थे तो उन्हें चाहिए कि इन तीनों छोले-भठूरे दबाऊ नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दें. लेकिन उन्हें भी इस बात का डर होगा कि लोकसभा चुनाव तक ऐसे ही नेताओं को बाहर करते रहेंगे तो लगभग एक साल के अन्दर कांग्रेस पार्टी खाली हो जायेगी. न्यूज़ चैनल में शीला दीक्षित राहुल गाँधी को कुछ बताते हुए हंस रही थी साथ वो भी हंस रहे थे. लगता है इन तीनों नेताओं के उपवास स्थल पहुँचने के पहले छोले-भठूरे खाने की खबर उपवास स्थल पर शीला दीक्षित पहुँच गयी थी, तभी दोनों नेता बात करते हुए हंस रहे थे. मेरी राय में कांग्रेस को कुछ नया करने से पहले उस पर सोच-विचार कर लेना चाहिए. कील कांटे से मज़बूत हो जाने के बाद ऐसे छोले-भठूरे खाने वाले नेताओं को इसमें शिरकत न करने दें. अगर इस तरह के उपवास फेस्टिवल में शिरकत करने के इच्छुक कांग्रेसियों के होठों पर एक दिन पहले फेवी बांड की दो बूँदें टपका दें ताकि दूसरे दिन भूख लगने पर भी कुछ खा न सकें और नहा-धोकर सीधा उपवास स्थल पर पहुँच जायेंगे. वैसे कांग्रेस जनों को निराश नहीं होना चाहिए. हमेशा की तरह यह बयान दे देना चाहिए कि ये बीजेपी का षडयंत्र है. इन्होने साजिश के तहत छोले-भठूरे की दूकान रास्ते में जानबूझ कर खुलवाई थी ताकि कांग्रेसी नेताओं का मन ललचाये और छोले भठूरे खाने के लिए टूट पड़ें.ये बयान न्यूज़ चैनलों को देते के लिए सुरजेवाला सही रहेंगे. वो कुछ हुए एकदम नहीं हँसते हैं. रस्सी को सांप बनाने में इनका कोई सानी नहीं है. वैसे उपवास/छोला-भटूरा कांड के बात किसी भी वरिष्ठ कांग्रेसी का इस घटना पर अफसोस न जताना गलत है. नोटबंदी के बाद से भूखी मर रही जनता को जवाब देना बनता है. ये भूखे मरे और अप लोग छोले को भठूरे के साथ लपेटते रहें. वैसे कांग्रेस को चाहिए हर दूसरे दिन उपवास कार्यक्रम को अन्जाम दें किसी दिन तो कोई नेता छोले भठूरे खाते हुए नहीं वायरल हुआ तो चुनाव जीतने की शत-प्रतिशत गारंटी है. चलते-चलते एक मशवरा वो भी एकदम फ्री वो ये कि दिल्ली में अगर शनिदेव का मंदिर है तो सौ ग्राम सरसों का तेल क्वार्टर में भर कर प्रत्येक शनिवार को चढ़ायें, साथ में 5 रुपये का सिक्का भी चढ़ाएं हो सकता है शनिदेव प्रशन्न होकर साढे-साती की दशा घूस पाने के बाद इसमें थोड़ा डिस्काउंट कर दें.



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