हुर्रियत नेता गिलानी की तरह ही शेख अतीक की भी मज़बूरी थी भारत अधिकृत कश्मीर को प्रोफाइल से डिलीट करना

जम्मू कश्मीर राज्य  में रहने वाले शेख अतीक ने साबित कर दिया कि कश्मीरियों के दिल में भारत के प्रति क्या सोच पनपा दी गयी है, यह बात इसके ट्वीटर प्रोफाइल से समझी जा सकती है.  फिलिपीन की राजधानी मनीला में रह कर एमबीबीएस मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे छात्र का पासपोर्ट खराब हो गया. जिसके चलते उसे नए पासपोर्ट की ज़रुरत पड़ी. इसके लिए शेख अतीक नाम के इस छात्र ने ट्वीटर के माध्यम से विदेशमंत्री सुषमा स्वराज से नया पासपोर्ट जल्द दिलाने में मदद करने की अपील की. शेख अतीक ने अपनी प्रोफाइल में लिख रखा था कि उसे भारत अधिकृत कश्मीर का मुसलमान होने पर गर्व है. शेख अतीक की प्रोफाइल देखने के बाद विदेशमंत्री सुषमा स्वराज को उसके में लिखे भारत अधिकृत कश्मीर पर आपत्ति थी. इसके उत्तर में सुषमा ने लिखा कि अगर आप जम्मू कश्मीर से हैं तो हम आपकी ज़रूर मदद करेंगे, लेकिन आपकी प्रोफाइल के मुताबिक़ आप भारत अधिकृत कश्मीर से हैं, ऐसी कोई जगह भारत में नहीं है. इसलिए हम आपकी कोई मदद नहीं कर सकते हैं. इस दो टूक जवाब के बाद शेख अतीक ने अपनी प्रोफाइल में सुधार कर लिया. इस पर ख़ुशी जताते हुए भारत की विदेशमंत्री ने ख़ुशी जाहिर करते हुए, फिलीपीन में भारत के उच्चायुक्त जयदीप मजूमदार को निर्देश दिया कि शेख अतीक की मदद करें. विदेशमंत्री होने के नाते सुषमा स्वराज का शेख अतीक की मदद करना बनता था. लेकिन आम आदमी के नज़रिए से देखा जाए तो इस बन्दे की प्रोफाइल पर सोचा जाए तो कश्मीरियों के मन भारत के प्रति पूरी तरह से काले हैं. ये कालिख आज की नहीं कई दशकों से इनके दिलों में है.   देखा जाए तो शेख़ अतीक ने विदेशमंत्री सुषमा स्वराज के एहसास दिलाने पर अपनी प्रोफाइल में सुधार कर लिया. वो इसलिए कि इसके अलावा उसके पास कोई विकल्प नहीं था. हाँ उसे इस बात की शर्मिंदगी हुई होगी कि उसे प्रोफाइल से भारत अधिकृत कश्मीर लिखे को मज़बूरी में मिटाना पड़ा. ऐसे लोगों के दिल और दिमाग कितनी भी मदद कर दी जाय लेकिन इन बातों को डिलीट नहीं किया जा सकता हैं. याद होगा कश्मीर का अलगाववादी हुर्रियत नेता अली शाह गिलानी को अपनी बीमारा बेटी को देखने के लिए जाना था तो भारत का नागरिक बन गया था, वरना हमेशा से ही भारत के प्रति आग उगलना इनकी रोज मर्रा की जिंदगी से जुड़ चुका है. अब इन नेताओं ने ये फंडा अपना लिया था कि सुविधाएं पाने के लिए भारत का विरोध करते रहो. जितना अधिक विरोध करोगे उतना अधिक सुविधाओं में इजाफ़ा होगा. इसी के चलते कश्मीर युवाओं के दिमाग में यह बात अच्छे से बैठ गयी है कि इनका अन्नदाता भारत नहीं है. इसी मानसिकता के चलते एमबीबीएस मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे शेख अतीक जैसे युवाओं की परवरिश भी ऐसे ही भारत विरोधी माहौल में हो रही है. यह जांच का विषय है कि शेख अतीक ने ये पासपोर्ट जब जारी करवाया था तब इसने फ़ार्म में निवासी भारत अधिकृत कश्मीर लिखा था. अगर ऐसा हसी तो पूरे तौर से इसके पासपोर्ट को रद्द किया जाना चाहिए. शेख अतीक ने अपनी ट्वीटर प्रोफाइल में यूँ ही नहीं लिख दिया होगा. 

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