मैं कौन हूँ ? :अपने आपको जानो और पहचानों

कुछ देर पहले वाट्सअप पर एक मूरख मित्र की पोस्ट जो इस तरह थी. ढाई दिन मुख्यमंत्री रहे, यदुरप्पा अब पायंगे आजीवन पेंशन 87000 मासिक. कर्मचारियों के लिए नही है पेंशन . ये है नेताओं का लूटतंत्र. पुरानी पेंशन बहाल करो...बहाल करो... बहाल करो... ये एक राज्य सरकार का कर्मचारी है जो आरक्षण से नौकरी पाया हुआ है. इसके पुत्र के पुत्र भी इसका लाभ उठाएंगे. खैर आरक्षण से नौकरी पाए सभी लोग ऐसे नहीं होते है. जब उस मंदबुद्धि को बताया कि ये येदियुरप्पा तीसरी बार मुख्यमंत्री बनें हैं.अभी इसका फाइनल नहीं हुआ है ये मुख्यमंत्री के कई फाइनल खेलेंगे. इस पर वो बोला यार मुझे मालूम है. ये मैसेज किसी ने भेजा था तो आगे बढ़ा दिया. बहुत देर तक इस मंदबुद्धि पर सोचता रहा कि कैसे-कैसे लोग सरकारी सेवा में पहुँच जाते हैं जिन्हें अपने आसा-पास की भी खबर नहीं है. अगर बहुत गहराई से देखा जाए तो ये देश का इकलौता व्यक्ति नहीं निकलेगा. इसके जैसे कई करोड़ लोग इस धरती पर बोझ बनकर विद्यमान होंगे. ऐसे लोगों के बारे सोच-सोचकर अफसोस होता है कि इनके कारण ही आज सरकारी विभागों लुटिया डूबती जा रही है. ऐसे लोगों से एक आवेदन तक नहीं लिखा जा सकेगा. लेकिन तब भी इन्हें अधिकार के रूप में सरकारी जॉब मिल जाती है. काबिल लोग चाय होटल, पान की दूकान खोलने के लिए मज़बूर हैं. सोशल मीडिया के कारण हमारे समाज को एक फायदा जरूर हुआ है कि ऐसे मंदबुद्धि लोग एक ही जगह व्हाट्सअप और फेस बुक में इकठ्ठा हो गए हैं. अगर ये फ़ैल गए होते टिंकी वज़ह से कितनी हानि देश को हो सकती थी. सोशल मीडिया पर एकजुट मिल जाने के कारण इन लोगों को बुद्धिमान लोग जब समझा देते हैं तो इनकी समझ में थोड़ा बहुत तो आ ही जाता होगा, अगर न भी आता होगा तो मूर्ख समझे जाने के डर से ये चुप्पी तो साध लेते हैं. ऐसा नहीं है कि सब के सब परले दर्जे के बेवकूफ ही सोशल मीडिया पर होते है. कुछ जानकार भी होते हैं. जिन्हें अच्छी जानकारी होती है. उसे वो सबके साथ शेयर करना नहीं भूलते हैं. ऐसे ही लोगों से आज समाज में जागरूकता है. वरना कोई भी मित्र जैसे मंदबुद्धि लोगों का फ़ायदा उठा कर सारे समाज को कठघेरे में खड़ा कर सकता है. इन्हीं मंदबुद्धि के साथ ही एक इनसे कम पढ़े लिखे मित्र ने हिन्दू धर्म पर एक पोस्ट व्हाट्सअप भेजी है जिसमें बताया गया है कि देवी-देवता 33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी-देवता हैं. इस पोस्ट में बहुत अच्छे से कोटि का अर्थ भी बताया है और उन मूर्ख हिन्दुओं को धर्म के बारे में कुछ इस तरह से समझाना चाहा है. 'अधूरा ज्ञान हिन्दूओं के लिए खतरनाक होता है. 33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी देवता हैं हिंदू धर्म में ; कोटि = प्रकार. देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते हैं. कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता है. हिंदू धर्म का दुष्प्रचारित करने के लिए ये बात उड़ाई गयी कि हिन्दूओं के 33 करोड़ देवी-देवता हैं. अब तो मूर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं कि हमारे 33 करोड़ देवी-देवता हैं... कोटि के सही अर्थ के अनुसार कुल 33 देवी-देवता हैं. 📜 हिंदू  धर्म में :-12 प्रकार हैँ :-1-आदित्य ,2-धाता, 3-मित, 4 -आर्यमा, 5-
शक्रा, 6-वरुण, 7-अँशभाग, 8-विवास्वान, 9-पूष, 10-सविता, 11-तवास्था और 12 -विष्णु...! 📜8 प्रकार हैं :-1-
वासु:, 2-धरध्रुव, 3-सोम, 4-अह, 5-अनिल, 6-अनल, 7-प्रत्युष और 8-प्रभाष.📜11 प्रकार हैं :- 1-रुद्र: ,2  हरबहुरुप, 3-त्रयँबक, 4-अपराजिता, 5-बृषाकापि, 6-शँभू, 7-कपार्दी, 9-रेवात, 10-मृगव्याध,11- शर्वा, और 12-कपाली. एवं दो प्रकार हैँ:- 1-अश्विनी और 2-कुमार. कुल योग :- 12+8+11+2=33कोटि. अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है. तो इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक पहुचाएं. ताकि मासूम हिन्दू इस बात को समझ सकें कि हमारा हिन्दू धर्म क्या है. अपने बच्चों को बताएं, क्योंकि ये बात उन्हें कोई दूसरा व्यक्ति नहीं बताएगा... 📜 दो पक्ष होते हैं:- 1- कृष्ण पक्ष- 2- शुक्ल पक्ष ! 📜 तीन ऋण -1-देव ऋण , 2-पितृ ऋण , 3-ऋषि ऋण ! 📜 चार युग -1-सतयुग, 2- त्रेतायुग, 3-द्वापरयुग , 4-कलियुग ! 📜चार धाम -1-द्वारिका , 2-बद्रीनाथ ,3-
जगन्नाथ पुरी , 4-रामेश्वरम धाम ! 📜चार पीठ:-1-शारदा पीठ( द्वारिका )2-ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ) 3-
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) , 4-शृंगेरीपीठ ! 📜 चार वेद:-1-ऋग्वेद , 2-अथर्वेद , 3-यजुर्वेद , 4-सामवेद ! 📜चार आश्रम :-1-ब्रह्मचर्य , 2-गृहस्थ , 3-वानप्रस्थ , 4-संन्यास ! 📜चार अंतःकरण :-1-मन, 2-बुद्धि ,3-चित्त, 4-अहंकार! 📜पञ्च गव्य :-1-गाय का घी , 2-दूध , 3-दही , 4-गोमूत्र , 5-गोबर !📜पंच तत्त्व :-1-पृथ्वी ,2-जल , 3-अग्नि , 4-वायु , 5-आकाश ! 📜छह दर्शन -1-वैशेषिक , 2-न्याय , 3-सांख्य ,4-योग , 5-पूर्व मिसांसा , 6-दक्षिण मिसांसा !📜सप्त ऋषि -1-विश्वामित्र ,2-जमदाग्नि ,3-भरद्वाज , 4-गौतम, 5-अत्री , 6-वशिष्ठ और 7-कश्यप ! 📜सप्त पुरी :-1अयोध्या पुरी ,2-मथुरा पुरी , 3-मायापुरी ( हरिद्वार ) ,4-काशी ,5-कांची ( शिन कांची - विष्णु कांची ) , 6-अवंतिका और 7-
द्वारिका पुरी ! 📜आठ योग :- 1-यम , 2-नियम , 3-आसन ,4-प्राणायाम , 5-प्रत्याहार , 6-धारणा , 7-ध्यान एवं 8-समाधि ! 📜 दस दिशाएं :-1-पूर्व , 2-पश्चिम , 3-उत्तर ,4-दक्षिण ,5-ईशान , 6-नैऋत्य ,7-वायव्य , 8-अग्नि ,9  आकाश और 10-पाताल . 📜बारह मास:- 1-चैत्र , 2-वैशाख , 3-ज्येष्ठ ,4-अषाढ , 5-श्रावण , 6-भाद्रपद , 7-
अश्विन ,8-कार्तिक , 9-मार्गशीर्ष , 10-पौष , 11-माघ , 12-फागुन ! 📜 पंद्रह तिथियाँ :- 1-प्रतिपदा ,2-द्वितीय ,3-तृतीय ,4-चतुर्थी , 5-पंचमी , 6-षष्ठी , 7-सप्तमी , 8-अष्टमी , 9-नवमी ,10-दशमी , 11-एकादशी , 12-द्वादशी , 13-
त्रयोदशी , 14-चतुर्दशी , 15-पूर्णिमा /अमावास्या ! 📜स्मृतियां - 1-मनु , 2-विष्णु ,3-अत्री , 4-हारीत ,5-याज्ञवल्क्य ,6-उशना , 7-अंगीर. हिन्दू धर्म की इन बातों को जान लेने के बाद आप अपने आप को पहचान सकते हो कि हम कौन हैं.


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