स्तरीय नेता बनना है तो राहुल को चाहिए कोका कोला और मैडोनाल्ड जैसे भाषणों से परहेज करें
जानते हैं, कोका-कोला का मालिक अमेरिका में शिकंजी बेचता था, पानी में शक्कर मिलाकर. मैकडोनाल्ड की श्रंखला शुरू करने वाला ढाबे का मालिक था. जब इन दोनों के पास धन आ गया तो इन्होंने ये कम्पनियां डाल लीं. इनके टैलेंट को लोगों ने पहचाना. यह सब भाषण देश की सबसे पुरानी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी का है. अगर बेरोजगारों या व्यापारियों को ये बताना चाहते थे कि दुनिया में टैलेंट की कमी नहीं है, या फिर कि देश का आम आदमी भी बहुत कुछ कर सकता है. बेवज़ह के ऐसे फालतू के बयानों से राहुल क्या साबित करना चाहते है, यह बात समझ में नहीं आयी. अक्सर इस तरह के फालतू के बयान और भाषण लोग सुनते रहते हैं. जिसे सुनने के बाद लोग अपनी प्रतिक्रया स्वरुप राहुल गाँधी पर टीका-टिप्पणी करने लगते हैं. कभी-कभी मजाक में कही उनकी बातों का वीडियो अक्सर उनपर ही लागू हो जाता है कि क्या बेकार की बातें कर रहे है. सवाल ये है कि कांग्रेस जैसी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर ऐसी मखौल उड़ाने वाली बातें अपने मन से बोलता है तो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को उन्हें रोकना चाहिए. राष्ट्रिय अध्यक्ष बनने से पहले भी राहुल गाँधी के कुछ अटपटे बयान हवा में उड़ते रहे हैं. खलिहर लोगों को इनमें खूब मज़ा आता है. अक्सर इन बयानों के कारण राहुल लोगों के लिए चुटकुला बन जाते हैं. बीते दिन पीएम मोदी का योग पर वीडियो वायरल हुआ था. राहुल गाँधी ने देखा या न देखा हो, लेकिन उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी कि मोदी क्या एक्शन कर रहे हैं समझ में नहीं आ रहा है. इन सब बातों से ही लोग उनकी मैच्योरिटी की जानकारी कर सकते हैं लेकिन वो ऐसा बोल कर खुद की मज़ाक का पात्र बन जाते हैं. तनी भारी भरकम पार्टी जिसने देश को दर्ज़न भर प्रधानमंत्री दिए हैं का राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या बोल रहा है क्या नहीं बोलना है पर कसी भी तरह की कोई रोक-टोक नहीं है. अगर सच में अपनी विद्वता दिखानी है तो कुछ तथ्यपरक बातें बोलनी चाहियें जो लोगों के बीच एक सन्देश का काम करे. लेकिन इसके उलट राहुल गाँधी के बयान कुछ ईबों गरीब होते हैं. जिनकी वज़ह से वो अनसी का पात्र बन जाते हैं. बहुत ही आश्चर्य की बात है कि अगर पार्टी के रणनीति किसी मुद्दे पर बोलने के लिए कुछ पॉइंट्स देते हैं, तो इसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को संज्ञान लेना चाहिए. ताकि इस तरह के बयान देने के लिए कोई तो ऐसा है, जो राहुल गाँधी पूरी तरह से इनकी छवि को धूमिल करना चाहता है. वो व्यक्ति अब नहीं चाहता है कि राहुल गाँधी या सोनिया गाँधी पार्टी के किसी भी बड़े ओहदे पर बैठें. अगर राहुल स्वयं ही ऐसे बयान देते हैं तो वो दिन दूर नहीं जब देश की जनता कांग्रेस को पूरी तरह से नकार दे और राहुल गाँधी कांग्रेस पार्टी में गाँधी परिवार के सबसे कमज़ोर नेता के रूप में कांग्रेस के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लेंगे.



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