यूएन को दखल नहीं, हल करना चाहिए अमेरिका-मैक्सिको की समस्या : कौन देखेगा इन मासूम अप्रवासी बच्चों की सूनी-भीगी आँखों का दर्द
अमेरिकी राष्ट्रपति की इस घोषणा के बाद कि ड्रीमर्स को वैधानिकता प्रदान करने के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा. साथ ही ट्रंप ने मैक्सिको को चेतावनी भी दी है कि अगर उसने अपने नागरिकों को अमेरिका आने से नहीं रोका तो मुक्त व्यापार समझौता ख़त्म कर दिया जाएगा. ड्रीमर्स वो मैक्सिकन हैं जो बचपन में बिना वैध कागजों के अमेरिका में अप्रवासी हैं जिन्हें ड्रीमर्स कहा जाता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि डीएसीएए डील को अब और जारी नहीं रखी जा सकती है. बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डेफर्ड एक्शन फॉर चाइल्डहुड अराइवल(डीएसीए)कार्यक्रम बनाया था. इसके तहत बचपन में अवैध तरीके से अमेरिका लाये गये लाखों अप्रवासियों को अस्थायी संरक्षण और काम करने के लिए परमिट दिया गया था. चुनाव में अमेरिका फर्स्ट के तहत ट्रंप ने पिछले साल इस कार्यक्रम को बंद कर दिया था और संसद को इस पर क़ानून बनाने के लिए 6 महीने का वक़्त दिया था. लेकिन समझैते के कारण इस पर कानून बनाने में हिला-हवाली होती रही है. ट्रंप का आरोप है कि ड्रीमर्स को संरक्षण देने का काम डेमोक्रेट सांसद जिम्मेदारी से नहीं कर पाये. अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग अब नए परमिट जारी नहीं कर रहा है.लेकिन पुराने परमिटों का नावीनीकरण कर रहा है. ट्रंप ने यह भी कहा कि मैक्सिको को सीमा पर हमारी मदद करनी चाहिए. उधर से बड़ी संख्या में आ रहे लोग डीएसीए का फ़ायदा उठाना चाहते है.ट्रंप के ट्वीट के मुताबिक़ अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर स्थिति खतरनाक होती जा रही है. गश्त करने वाले सुरक्षाकर्मी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं. अक्सर अवैध रूप से प्रवेश करने वाले पकड़े जाते हैं, लेकिन मुकदमें के दौरान छूट जाते हैं. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप 2016 ने राष्ट्रपति पद के चुनाव अभियान के दौरान मैक्सिको से अवैध आव्रजन और ड्रग तस्करी को रोकने के लिए अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर दीवार बनाने का वादा किया था. 2012 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय में ड्रीमर योजना सरकारी स्तर पर शुरू की गयी थी.इस योजना के तहत गैरकानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचे बच्चों को अस्थायी रूप से शिक्षा,निवास और काम करने की अधिकार दिया गया था. ये नीति अप्रवासियों की कानूनी स्थिति में तो कोई बदलाव नहीं करती है, लेकिन इन्हें निर्वासित किये जाने से बचाती अवश्य है. ड्रीमर कार्यक्रम जोकि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय में शुरू किया था, वो अब वर्तमान में अमेरिका की ट्रंप सरकार के लिए मुश्किल पैदा कर रहा. अमेरिका की मैक्सिको से लगी दक्षिणी सीमा पर बंदरगाह पर शिविर लगाये गए हैं, इन शिविरों हर उम्र के बच्चे अपनी सूनी आँखों से अपनों के आने का इंतजार कर रहे हैं. आव्रजन इन मासूमों के लिए बहुत बड़ी परेशानी का सबब बन चुका है. इन आबोध बच्चों की मुश्किलों के लिए अमेरिका का पूर्व प्रशासन जिम्मेदार है. इन मासूमों को मुश्किल हालातों से निकालना भी अमेरिका की जिम्मेदारी हैं. क्या संयुक्त राष्ट्र को इन मासूमों की आँखों इ आंसू नहीं दिख रहे हैं. हर मामले में अपनी टांग फँसाने में आगे रहने वाले संयुक्त राष्ट्र को चाहिए कि इन मासूमों के भविष्य की सोचे बिना इस तरह की ड्रीमर योजना को बनाने और चलाने वाले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से ही इस समस्या का हल जाने. ओबामा के पास इसका समाधान ज़रूर होना चाहिए.








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