अविश्वास प्रस्ताव : राहुल गांधी की बचकानी नौटंकी के लिए याद रखा जाएगा

मोदी सरकार के खिलाफ जिस तरह से विपक्ष लामबंद होकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था उससे लग रहा था कि कांग्रेस समेत सभी एनडीए विरोधी दल देश की समस्याओं के लिए संजीदगी से सोचने लगे हैं. लेकिन जिन आम लोगों को आज के दिन का बेसब्री से इंतज़ार था, उन्हें राहुल गाँधी की बेमतलब की हरक़त से निराशा ही हाथ लगी. सभी को लग रहा था कि आज संसद में हंगामा खेज तर्क-वितर्क होंगे. मोदी सरकार को इस तरह से ये सन्देश दिया जाएगा कि देश के लिए कुछ और बेहतर करें. लेकिन इसके उलट सोशल मीडिया पर देश की सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी की बचकानी हरक़तें करते हुए कैमरों में देखने से नहीं लगता कि विपक्षी दल देश की अति गरीब जनता के प्रति संवेदनशील हैं. सोशल मीडिया कई ऐसे वीडियो देखने को मिले जिसमें 50 वर्षों तक देश की सत्ता पर काबिज रही सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष जोकि नो कान्फिडेंस मोशन के दौरान सदन में एक उद्दंड बच्चे की तरह इधर उधर उछल-कूद मचा रहा है. राहुल गाँधी इन बचकानी हरकतों को ख़ास कर सदन में नहीं होने देना चाहिए. सदन की एक अपनी गरिमा होती है. इस बात को सभापति को ध्यान में रखनी चाहिए. क्योंकि सदन की गरिमा बनाये रखने की जिम्मेदारी उन्हीं की होती है. सभी माननीयों को यह बात अच्छे से याद रखनी चाहिए कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. अगर ऐसे देश के सदन में इस तरह की बचकानी हरक़तों को दूसरे देश देखेंगे या सुनेंगे ऐसे में देश की गरिमा क्या रह जायेंगी. अक्सर खबरें सुनने को मिलती रहती हैं कि देश में जब चुनाव होते हैं, तो विदेशी इस उत्सुकता के साथ भारत आते हैं कि इतने बड़े लोकतंत्र के चुनाव किस तरह से सुचारू रूप से कराये जाते हैं. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जो देश हमने इर्ष्या की भावना रखने वाले देश इधर ही ताकते रहते हैं कि कोई ऐसी कमजोरी मिल आये जिसके चलते भारत को नीचा दिखाया जा सके. इसीलिए सभी देश के राजनीतिक दलों को चाहिए कि वो मतभेद से देश आगे बढ़ता है,लेकिन मनभेद देश क्या एक छोटे से परिवार को भी नष्ट कर देता है. कांग्रेस को चाहिए कि अपना सतीत्व बनाए रखना है तो एक स्वस्थ स्पर्धा के तहत केंद्र की सरकार का विरोध कें ताकि देश में उन्नति में कोई बाधा न आये. झूठे मुद्दों को उठाने से देश का भला नहीं होने वाला है. एनडीए सरकार के खिलाफ लाया गया गया अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस अध्यक्ष की बचकानी हरक़तों के कारण मखौल बनकर रह गया. किसी सरकार के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना एक बहुत संवेदनशील मामला है. जिसे विरोधी दलों ने देश के सामने मजाक बनाकर रख दिया. सदन के सभी माननीयों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि सदन की कार्रवाई का सजीव प्रसारण देश-विदेश में भी देखा जाता है. जनता का सम्मान करते हुए अपनी गरिमा को बनाए रखें ताकि आगामी चुनाव में उन्हें एक बार फिर से जनता के सामने हाथ जोड़कर अपने अच्छे कार्यों को बताना पड़ेगा. 2018 में लाया गया ये अविश्वास प्रस्ताव देश की जनता राहुल गाँधी द्वारा की गयी छोटे बच्चे जैसी नौटंकी के लिए याद रखेगी.


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