केजरीवाल:जनता फाड़ना चाहती है एलजी की रिपोर्ट: जनता क्या फाड़ना चाहती है ये 'आप' को अगले चुनाव में बताएँगी
लोकसभा के चुनाव नज़दीक देखते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की नौटंकी फिर चालू हो गयी है. कभी राहुल गाँधी तो कभी अरविन्द केजरीवाल एक-दूसरे की तरह नौटंकी करने में जुटे रहते हैं. अपने कृत्यों के कारण दिल्ली के मुख्यमंत्री अब किसी को भी याद नहीं रहते हैं. अक्सर सोशल मीडिया पर देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर चर्चा होती रहती है, लेकिन फेस बुक पर कभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के किसी भी काम की कोई भी चर्चा अच्छे में किये जाने नहीं देखा है. पिछले महीने मान, न मान मैं तेरा मेहमान की तर्ज़ पर चर्चा में जब जबरिया एल जी के घर में जा घुसे और नौटंकी शुरू कर दी. जब से दिल्ली के सीएम की कुर्सी संभाली है तब से लेकर अब तक कुछ इसी तरह की नौटंकी के अलावा कुछ भी करते नहीं देखा है. एलजी एक घर में घुसे तो सुप्रीम कोर्ट ने जब पूंछ फटकारी उनके फैसले की कागज़ पत्री लेकर आप कार्यालय में ही जीत की ख़ुशी की नौटंकी शुरू कर दी. जीत गये... जीत गये... करने लगे. इतना तगड़ा जीत का जश्न तो भारत के विश्व कप क्रिकेट जीतने का नहीं मनाया जाता है. अब लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने रह गए हैं तो केजरीवाल जी की नौटंकी भी अब परमानेंट चालू रहेगी. इसी कड़ी में एलजी की सीसीटीवी पर कोई रिपोर्ट थी, उसको ही मंच पर खड़े होकर फाड़ते हुये कहने लगे की जनता-जनता -जनार्दन इस रिपोर्ट को फाड़ना चाहती है. सवाल ये है कि जिस गरीब जनता-जनार्दन को पेट पालने के लाले हों, उसको इस तरह की नौटंकी कहां तक रास आएगी. हाल ही में जिन मुद्दों पर जीत का जश्न मनाया, उसी में से एक घर-घर राशन बांटने की बात भी थी.परमिशन मिल भी गयी लेकिन गरीब जनता अपने को ठगा महसूस करती रही, नतीजतन एक ही परिवार की तीन मासूम बच्चियों की भूख से मौत हो गयी, इसके बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री संवेदनशील न हुए. तीन मासूमों की भूख से असमय मृत्यु हो जाने के बाद भी इनकी नौटंकी में कोई कमी नहीं है. बीते दिन सीसीटीवी लगाने पर उप राज्यपाल की कोई रिपोर्ट थी जिसे फाड़ते हुए बयान दिया कि जनता-जनार्दन इस रिपोर्ट को फाड़ना चाहती है. कुछ मुद्दा नहीं तो इसे ही उछाल कर न्यूज़ और पिक्चर छपवा लो. सीसीटीवी लगवाने की चिंता है, लेकिन भूख से मर रही दिल्ली की गरीब जनता की कोई चिंता नहीं है. होता तो तीन मासूमों की भूख से मौत हो जाने पर प्रशासन को टाईट करके के सभी ग़रीबों के घर-घर जाकर राशन कार्ड बनवा देते और इसी के साथ राशन वितरण की व्यवस्था को साफ़ नीयत से दुरुस्त कर देनी थी. इस तरह से जनता का भरोसा भी आम आदमी पार्टी पर जमता जो अगले दिली विधानसभा चुनाव में जनता के बीच जाने के लिए आप के लिए एक राशन कार्ड का काम करता. लेकिन नायक फिल्म के अनिल कपूर की तरह नौटंकी करने की आदत जो पड़ गयी है. हरी सभा में मंच पसर खड़े होकर फिर एक बार पांच साल पुरानी नौटंकी के तहत एलजी की रिपोर्ट फाड़ते हुए यह कहना कि जनता चाहती ई कि ये रिपोर्ट फाड़ दी जाए. शायद दिल्ली के मुख्यमंत्री को ये बात समझ में नहीं आ रही है कि जनता कुछ भी फाड़ना नहीं, दो रोटी पाना चाहती है. अगर यह भी नहीं मिली तो फिर वो आगामी चुनाव में बताएगी कि वो क्या फाड़ना चाहती थी.



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