एन डी ए सरकार का गरीब सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय बन सकता है विपक्ष के गले की हड्डी
एनडीए सरकार का 2019 के लिए एक ज़ोरदार धमाका कुछ दिन पहले IRC अपने आर्टिकल में बता चुका था कि प्रधानमंत्री मोदी गरीबो के कल्याण के लिए एक अब तक कि सभी बड़ी योजना लाने वाले हैं, अब इस खबर पर मुहर लगाती हुई एक और खबर सामने आ रही है। सभी धर्मों में सामान्य वर्ग के लिए 10% आरक्षण की शुरुआत करके विपक्ष को घेरने के बाद अब नरेंद्र मोदी सरकार 2019 के आम चुनाव से पहले एक और बड़ा वज्रपात विपक्ष के ऊपर करने जा रही है। सरकार देश की ज़रूरतमंद गरीब आबादी के लिए यूनिवर्सल बेसिक इनकम जैसी योजना शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। सरकार ने ज़रूरतमंद गरीब परिवारों के कल्याण के लिए DBT के माध्यम से ₹2,000 से ₹2,500 प्रति माह ट्रांसफर करने की योजना बनाई है। शीर्ष सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार इस योजना को चलाने के लिए प्रति वर्ष ₹30,000 से ₹40,000 करोड़ खर्च कर सकती है।सूत्रों के मुताबिक, इस योजना को शुरू करने के लिए धन की व्यवस्था करने हेतु मोदी सरकार लंबे समय से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ बातचीत कर रही है। हालांकि इस प्रस्ताव से सरकार और देश के शीर्ष बैंक के बीच कुछ मतभेद पैदा हुए थे, लेकिन सरकार इस कल्याणकारी योजना के रास्ते में आने वाले सभी दिक्कतों को हटाने में सफल रही है .सूत्रों की मानें तो इस योजना के लिए पात्रता मापदंड SECC 2011 से तय होगा जिसमे करीब 50 करोड़ तक लाभार्थी आ सकते हैं।बहुत ही अच्छा प्रयास है। मुझे मिले या ना मिले पर कम से कम एक जरुरतमंद को जरूर मलना चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए की हर परिवार की एक जि़म्मेदार महिला को मुखिया बनाकर रकम उसे सौंपनी चाहिए इससे पुरुष प्रधान समाज से हटकर महिलाओं को इज्जत देते हुए उन्हें समाज में स्थान और सम्मान भी दिया जा सकता है। यह उस दिशा में भी एक प्रयास साबित होगा की हमने महिलाओं को भी पुरुषों से मुकाबले करने मेंऔर उनके समकक्ष खड़ा करने में कोई कमी नहीं की। यह एक मिशाल भी बन सकता है।



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