नीरज चोपड़ा को वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल जितने पर हृदय से बधाई। डेस्क के गौरव नीरज ने ओलम्पिक की जेवलिन थ्रो(भला फेंक स्पर्धा में 87.58, और अब वर्ल्ड चैम्पियनशिप जैवलिन थ्रो(विश्व स्पर्धा की भाला फेंक स्पर्धा में  88.13 मीटर दूरी नाप कर रजतसिल्वर) मेडल जीत लिया अपने ऑलम्पिक रिकार्ड में सुधार करते ०. 55 का सुधार किया। भारत का गौरव  चुके नीरज चोपड़ा   सच में एक मूलयवान हिरा बन चुके हैं। कुछ लोग एक चाय की दूकान पर इस पर बात कर रहे थे कि देश के पत्रकार(इन निकृष्ट प्रजाति को मैं पत्तलचाट के सम्बोधन से सुशोभित करता हूँ, एक न्यूज़ चैनल का पत्तलचाट पूछ रहा था कि आप गोल्ड मैडल नहीं जीत पाए।  इस सवाल पर नीरज ने जवाब दिया कि उसको हवा से समस्या आ रही थी।  इस पर पत्रकार बोला हवा तो पीटर्स के लिए भी थी आदि बहुत कुछ उसी ढंग से देश के निकृष्ट पत्तलचाट ने पूछा जितना इन प्रजाति का ज्ञान है। जो निकृष्ट पत्रकार क्रिकेट के अलावा किसी और खेल के बारे में नहीं जानते हैं। वो नीरज चोपड़ा के सिल्वर मैडल जीतने पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं। अरे बड़े कान वालों पत्तलचाटुओं एथलेटिक्स आदि खेल मुफ्त की पत्रकार वार्ता में दारु पीने जैसा नहीं है।  ये न्यूज़ चैनल किस विकृत मानसिकता के चलते देश का गौरवशाली इतिहास को जन्म देने वाले ये पूछने की जगह कि नीरज चोपड़ा तुमने १९ वर्षों बाद देश को सिल्वर मैडल दिलाया और इसके साथ ही ओलम्पिक में फेंके बाले से भी ज्यादा दूरी नाप दी आदि बातें पूछनी चाहिए थीं. शायद इन ग... को इन गेमों की एबीसी नहीं मालूम होगी।  हाँ तलुवे चाटने के लिए कुछ रुपये दे दो तो ये विराट कोहली के हारने के बाद भी रन न बनाने के बाद भी पीपा-पोती करते हुए उसको कई वर्षों तक महान बनाये रखा। इन निकृष्ट और चरण वन्दना कर के पत्रकारिता करने वाले पत्तलछतों की औक़ात अच्छे से जानता हूँ और इनकी पत्रकारिता से इनकी निकृष्टता को भी देखता रहता हूँ। इनकी गिरी हुई औक़ात का ये आलम है कि इन्हें प्रेस वार्ता के लिए बुकाओ और बढियाँ शराब और कवाब आदि के साथ एक महंगा डग्गा थमा दो तो ये ये सड़क छाप कुत्ते की तरह लोट लौटकर 4 से 6 कॉलम की न्यूज़ लिखकर आप की तारीफ़ पुल बाँधने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।  खैर इन निकृष्ट प्रजाति को गरियाने से खुद को आत्मसंतुष्टि ही दी जा सकती है इनके अंदर सुधार नहीं लाया जा सकता।  पेट भर के इन सु... गरिया लिया है.. एक बार फिर से नीरज चोपड़ा धन्य है वो कोख जिसने आपको जन्म दिया और आपने देश को गौरवशाली इतिहास में दर्ज़ कर दिया।  


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